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चहनिया ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आना तय, 23 अप्रैल को तय होगा ब्लॉक प्रमुख का राजनीतिक भविष्य

चंदौली जनपद के चहनिया ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख अरूण जायसवाल की कुर्सी पर तलवार लटकी हुई है, जिसको लेकर विपक्षी खेमा हाईकोर्ट से अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक का डेट निश्चित करवाया है।
 

चहनिया ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तारीख फाइनल

बीडीसी सदस्यों की सुरक्षा और खातिरदारी बढ़ी

पक्ष-विपक्ष दोनों लोग अपने अपने खेमेबंदी में जुटे

देखना है विधायक जी अबकी बार लगाते हैं किसी तरह का जुगाड़

चंदौली जनपद के चहनिया ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक की तिथि निर्धारित होने के बाद चहनिया विकास खंड के 105 क्षेत्र पंचायत सदस्यों (बीडीसी) की खातेदारी के साथ सुरक्षा भी बढ़ने लगी है। पक्ष-विपक्ष दोनों खेमे के लोग अपने-अपने पाले के बीडीसी सदस्य जुटाने में लग गए हैं। साथ ही दूसरे खेमे के बीडीसी को अपने पाले में खींचने के लिए तरह-तरह के ऑफर भी दिए जा रहे हैं।

इसी बात को लेकर लोगों में उत्सुकता बनी हुई है कि आने वाले 23 अप्रैल को भाजपा के शासन में ही भाजपा के ब्लॉक प्रमुख का तख्ता पलट हो जाने की उम्मीद है। लेकिन कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि आखिरी समय में एक बार फिर खेल होगा और ब्लॉक प्रमुख अरूण जायसवाल की कुर्सी बच जाएगी। ब्लॉक प्रमुख को हटाने के लिए जहां पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि उपेंद्र सिंह गुड्डू नाराज बीडीसी के साथ में खड़े हैं। वहीं उन्होंने आरोप लगाया है कि सैयदराजा  के भाजपा विधायक के इशारे पर ब्लॉक प्रमुख को बचाने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।

आपको बता दें कि चंदौली जनपद के चहनिया ब्लॉक के ब्लॉक प्रमुख अरूण जायसवाल की कुर्सी पर तलवार लटकी हुई है, जिसको लेकर विपक्षी खेमा हाईकोर्ट से अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक का डेट निश्चित करवाया है। 23 अप्रैल को निवर्तमान जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बैठक एवं चर्चा के बाद विश्वास प्रस्ताव के लिए तिथि निर्धारित  किया है। अब नए जिला अधिकारी भी आ गए हैं, जो पुराने जिलाधिकारी के आदेश का पालन सुनिश्चित करवाएंगे।  

कहा जा रहा है कि 23 अप्रैल की तिथि निर्धारित होने के बाद जहां विकास खंड के 105 क्षेत्र पंचायत सदस्यों की खातिरदारी भी बढ़ गई है, वहीं पक्ष-विपक्ष के क्षेत्र पंचायत सदस्यों को अपने खेमे में जोड़ने में जुटा हुआ है।

सूत्रों की माने तो जो दबे एवं कमजोर किस्म के बीडीसी हैं, जो किसी खेमे में  फ्रंट पर नहीं आ सकते, उन क्षेत्र पंचायत सदस्यों को पहले से ही हटा दिया गया है और उनको दूसरी जगह का टूर कराया जा रहा है। जो बीडीसी विपक्ष के साथ मुखर होकर अरूण जायसवाल के खड़े हैं तथा ब्लॉक प्रमुख के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं, वही लोग क्षेत्र में घूम रहे हैं और अपने पक्ष में माहौल बना रहे हैं।

लोगों में कौतूहल का विषय बना हुआ है कि क्या भाजपा सरकार में ही भाजपा के ब्लॉक प्रमुख अरूण जायसवाल का तख्ता पलट हो जाएगा या विधायक किसी जुगाड़ से एक बार फिर कुर्सी बचा लेने में सफल हो जाएंगे। अब आने वाले 23 अप्रैल को इस बात का अब फैसला हो ही जाएगा।

वहीं पूर्व ब्लाक प्रमुख पति उपेंद्र सिंह गुड्डू द्वारा लगातार आरोप लगाया जा रहा है कि सैयदराजा के भाजपा विधायक सुशील सिंह द्वारा सत्ता का दुरुपयोग करके ब्लाक प्रमुख को बचाने के लिए नाराज क्षेत्र पंचायत सदस्यों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही तमाम तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।

 अब देखना है कि न्यायालय के आदेश के बाद किस तरह से अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक का संचालन किया जाता है या पिछली बार की तरह खानापूर्ति करके मामले को फिर से कुछ महीने के लिए टाल दिया जाता है।

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