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BSA साहब बिजली के अभाव में चकिया ब्लॉक में ठप हैं स्मार्ट क्लासेस, कौन है जिम्मेदार

चंदौली जिले की चकिया तहसील में कई परिषदीय विद्यालयों में बिजली न पहुंचने के कारण स्मार्ट क्लासेस ठप हैं। 2005 में शुरू हुई विद्युतीकरण योजना के बावजूद ट्रांसफार्मर और पोल नहीं लगाए गए। उपकरण शोपीस बन गए हैं और शिक्षक-छात्र दोनों परेशान हैं। शिक्षा विभाग ने प्रशासन को पत्र भेजकर समस्या का समाधान मांगा है।

 

चंदौली में 20 साल बाद भी अधूरी विद्युतीकरण योजना


कई स्कूलों के स्मार्ट क्लासेस पर संकट


चकिया तहसील में कई परिषदीय विद्यालयों में बिजली नहीं


आधुनिक उपकरण शोपीस बनकर हो रहे खराब

चंदौली जिले के चकिया तहसील में विकास क्षेत्र के कई परिषदीय विद्यालयों में बिजली की सुविधा न होने से स्मार्ट क्लासेस संचालित नहीं हो पा रही हैं। विद्यालयों में वायरिंग और फैन लगाए गए हैं, लेकिन ट्रांसफार्मर और पोल न लगने से बिजली सप्लाई शुरू नहीं हो सकी।

2005 में बनी थी योजना
बेसिक शिक्षा विभाग ने वर्ष 2005 में सभी परिषदीय विद्यालयों में विद्युतीकरण कराने की योजना बनाई थी। शासन स्तर से प्रत्येक विद्यालय को वायरिंग, एलईडी बल्ब और सीलिंग फैन लगाने के लिए 35-35 हजार रुपये दिए गए थे। साथ ही विद्युत विभाग को पोल, तार और ट्रांसफार्मर लगाने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन लापरवाही के चलते 20 साल बाद भी कई विद्यालयों में बिजली नहीं पहुंच सकी।

प्रभावित विद्यालय
पूर्व माध्यमिक विद्यालय गरला, कंपोजिट विद्यालय सोता, प्राथमिक विद्यालय मझगांवा, डकही, इसहुल सहित कई विद्यालयों में आज तक विद्युतीकरण नहीं हो पाया है। इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस शुरू न होने से शिक्षक और छात्र दोनों परेशान हैं।

शोपीस बने उपकरण
बिजली न होने के कारण विद्यालयों में लगाए गए उपकरण शोपीस बनकर रह गए हैं। कई जगह चोरी की घटनाएँ भी हुई हैं। मवैया में इनवर्टर, पचवनियां में पंखा और गनेशपुर में सोलर पैनल चोरी हो चुके हैं। विद्युत फाल्ट के कारण फैन और एलईडी भी बेकार पड़े हैं।

स्मार्ट क्लासेस पर ग्रहण
पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस अनिवार्य किए गए हैं। लेकिन जोगिया, ददरा, रामपुर कला, इस्माइलपुर, बलिया कला, मैनपुर, हरिपुर और रघुनाथपुर बैरा स्थित विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेस संचालित नहीं हो पा रहे। मुड़हुआ दक्षिणी में सिस्टम खराब पड़ा है और कोचीचक सहित कई विद्यालयों में उपकरण रखे तो गए हैं, लेकिन इंस्टाल नहीं किए गए।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया
चकिया के खंड शिक्षा अधिकारी राम टहल ने बताया कि विद्युतीकरण विहीन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक आवेदन कर चुके हैं। किन परिस्थितियों में विद्युत विभाग पोल और सप्लाई नहीं कर रहा है, यह स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लासेस संचालन में हो रही परेशानी को प्रशासन तक पहुंचाया गया है।

चंदौली जिले के कई स्कूलों में बिजली की कमी ने शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित किया है। 2005 में शुरू हुई योजना आज तक पूरी नहीं हो सकी। स्मार्ट क्लासेस का सपना अधूरा है और उपकरण शोपीस बन गए हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन कब तक इस समस्या का समाधान कर पाता है। या फिर अधिकारी हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहते हैं।

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