अब लोगों को सताने लगी डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय की याद, चुनाव हारने के बाद हो रही ऐसी चर्चा
चंदौली भाजपा में नेतृत्व विहीन हुआ ब्राह्मण
जानिए जनपद में क्या होने लगी है चर्चा
अगले चुनाव के लिए मिल रहे ऐसे संकेत
चंदौली क्षेत्र का ब्राह्मण समाज भाजपा में नेतृत्व विहीन होने की चर्चा अब जोरों पर होने लगी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व सांसद डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे के हारने के बाद ब्राह्मणों में भाजपा के प्रति निराशा बढ़ती जा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री के नेतृत्व में ब्राह्मण समाज अपनी समस्याओं को अवगत कराता रहा है और उसको अपनी बात कहने के लिए एक मध्यम भी थे, लेकिन अब उनके हारने के बाद ब्राह्मण समाज भाजपा में पूरी तरह से उपेक्षित हो गया है। इसकी चर्चा ब्राह्मण समाज में जोरो पर हो रही है। जगह-जगह ब्राह्मण समाज के कई संगठन आपस में बैठक कर चर्चा भी कर रहे हैं। इसका फायदा लेने के लिए अन्य पार्टी भी जुगाड़ में जुटी हुई है। यह भी चर्चा है कि चंदौली क्षेत्र में एक जाति का वर्चस्व है उस जाति से पांच पांच जनप्रतिनिधि इस समय है।
कहा जा रहा है कि ब्राह्मण सरकार एवं संगठन दोनों में शून्यता की स्थिति पर है। अगर प्रदेश का आंकड़ा लिया जाए तो ब्राह्मणों की संख्या भी अधिक है और लोकसभा तथा जिले में भी ब्राह्मणों के आंकड़े परिणाम को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ब्राह्मण समाज में चर्चा चल रही है कि भाजपा में कई लोग हार के बावजूद भी उच्च पदों पर स्थान पाए हुए हैं। केंद्र में और प्रदेश में उपमुख्यमंत्री आदि भी है। लेकिन संगठन से सरकार में अपनी बेदाग छवि के माध्यम से सेवा करने वाले डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय को मामूली वोटों से हारने के बाद उनको अभी तक उनके समाज के प्रतिनिधि के रूप में कोई जगह नहीं दी गई है। जिससे ब्राह्मण समाज में घोर निराशा दिख रही है और ब्राह्मण समाज अपने समस्याओं को लेकर इधर-उधर भटकनेको मजबूर है। जिसका आने वाले 2027 के विधानसभा के चुनाव के परिणामों पर भी असर पड़ सकता है।
ब्राह्मणों में चर्चा है कि एक जाति के एमएलसी भी इस क्षेत्र के हैं। भाजपा के जिलाध्यक्ष भी हैं और जिले के ही भाजपा में दो-दो राज्यसभा सांसद भी हैं। जिले के एक विधानसभा सीट से विधायक भी उसी जाति से हैं, लेकिन संगठन एवं सरकार में सहयोग देने वाले ब्राह्मण समाज के नेता डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय को स्थान नहीं दिए जाने से ब्राह्मणों में खासा नाराजगी बढ़ रही है।
एक ब्राह्मण नेता ने कहा कि चंदौली जिले के इतिहास में भाजपा के जिलाध्यक्ष के पद पर कभी भी किसी ब्राह्मण को जगह नहीं दिया गया है। एक दो लोगों को छोड़ दिया जाए तो अभी तक एक बिरादरी का ही वर्चस्व भाजपा जिलाध्यक्ष के पद पर रहा है। लोकसभा चुनाव में गुटबाजी के द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व सांसद को हराने की चर्चा जोरों पर हो रही है। उस मुद्दे पर भी ब्राह्मण समाज मंथन कर रहा है। ब्राह्मण समाज के नेता को शीघ्र सम्मानित स्थान नहीं मिलता है, तो भाजपा से ब्राह्मणों का लगाव धीरे-धीरे दूर होने लगेगा। इसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है। आगे आने वाले चुनाव में ब्राह्मण किसी और विकल्प को तलाशने की कोशिश करेगा।
इस संबंध में ब्राह्मण समाज के परशुराम सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा है कि ब्राह्मण हमेशा समाज का मुखिया के रूप में प्रतिनिधित्व किया है और जब भी किसी भी तरह की समस्या आती है तो ब्राह्मण उसके मुकाबले के लिए आगे खड़ा भी रहता है। चंदौली जनपद में भी ब्राह्मण का एक निर्णायक समूह रहता है। सरकार और संगठन में बेदाग ब्राह्मण नेता को जगह नहीं दी जाती है, तो ब्राह्मण समाज में नाराजगी भाजपा के प्रति बढ़ती जाएगी। यही स्थिति रही तो अब ब्राह्मण समाज एकजुट होकर जहां उसको सम्मान मिलेगा उस तरफ वह जाने को मजबूर होगा।
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