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इसलिए लटक गयी चंदौली भाजपा जिलाध्यक्ष की घोषणा, एक अनार कई बीमार

चंदौली के पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय को भाजपा के जिला अध्यक्षों के चयन के लिए प्रदेश प्रभारी बनाया गया है, जिसको लेकर वह पूरे प्रदेश में मेहनत कर रहे हैं।
 

चंदौली में रविवार को नहीं होगी भाजपा जिला अध्यक्ष की घोषणा

कई नामों की पैरवी से फंसी है पेंच

जिले में तीन लोगों के लिए हो रही है जोरदार पैरवी

चंदौली जनपद में भारतीय जनता पार्टी द्वारा रविवार को नए जिला अध्यक्ष की घोषणा होनी थी, इसके लिए प्रदेश के अन्य जिलों की तरह यहां भी तैयारी हो रही थी, लेकिन देर शाम जिला अध्यक्ष के चुनाव अधिकारी के द्वारा सूचना दी गई कि पार्टी के निर्देश पर चंदौली के जिला अध्यक्ष की घोषणा पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। चंदौली के जिला अध्यक्ष के चयन को लेकर पेंच फस गया है, जिसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही हैं।

आपको बता दें की चंदौली के नये जिला अध्यक्ष का चयन करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। चंदौली के पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय को भाजपा के जिला अध्यक्षों के चयन के लिए प्रदेश प्रभारी बनाया गया है, जिसको लेकर वह पूरे प्रदेश में मेहनत कर रहे हैं। वहीं चंदौली जिला उनका लोकसभा क्षेत्र है और ऐसे में वह इस जिले के अध्यक्ष के चयन में समय नहीं दे पा रहे थे। इसीलिए जिले के अध्यक्ष का चुनाव  करने में कठिनाई हो रही है।

Chandauli BJP President

जिला अध्यक्ष के चयन के लिए जहां जातिगत गुड़ा गणित को साधने की जरूरत के साथ-साथ किसी धाकड़ नेता का वरदहस्त भी होना जरूरी है। वहीं जिले में ऐसे सक्षम व्यक्ति का भी चयन करना है, जो पूरे जिले को लेकर एक साथ चल सके। जबकि संगठन द्वारा नए जिला अध्यक्ष के लिए जो मानक बनाए गए हैं। ऐसे सभी मानकों को एक कसौटी पर कसने में विशेष परेशानी हो रही है।

चंदौली में लगभग तीन दर्जन लोगों ने जिला अध्यक्ष के लिए नामांकन किया है और सभी अपने-अपने हिसाब से अपने आप को दावेदार मान रहे हैं, जबकि अब तक के जिलाध्यक्ष के इतिहास को देखा जाए तो चंदौली जिले में पहली बार सर्वेश कुशवाहा ओबीसी समाज के कोटे से जिलाध्यक्ष तब बन पाए, जब उन पर डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय की विशेष कृपा थी। नहीं तो चंदौली के भाजपा के जिला अध्यक्ष की कुर्सी अक्सर राजपूतों के हाथों में रही है। इसको लेकर अक्सर कहा जाता रहा है कि राजनाथ सिंह की पैरवी व कनेक्शन के चलते कई नेता जिलाध्यक्ष बन गए तो कई लोग अपने पक्ष में बिरादरी की लॉबिं करके कुर्सी पा ली।  इसीलिए अभी तक भाजपा के जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर राजपूत बिरादरी का ही दबदबा रहा है।

कुछ लोग वर्तमान जिलाध्यक्ष काशीनाथ सिंह को एक और पारी देने की पैरवी कर रहे हैं, लेकिन पार्टी के अंदर उनके नेतृत्व जिले की परिधि में आने वाली दोनों लोकसभा सीटें हारने का ठप्पा लग गया है, जो उनकी निगेटिव मार्किंग करवा रहा है। लेकिन कुछ रणनीतिकार उनको एक और मौका दिए जाने के पक्ष में हैं, जैसे इसके पहले के जिलाध्यक्षों को मिलता रहा है।

वहीं इस बार चंदौली से ब्राह्मणों का कोई जनप्रतिनिधि नहीं बन पाया है, जिससे जिले में ब्राह्मण जिला अध्यक्ष चयन होने की विशेष कयास लगाया जा रहे हैं और यह भी चर्चा है कि इस बार ब्राह्मण जिला अध्यक्ष बनाकर भाजपा जिला अध्यक्ष के इतिहास में नया कीर्तिमान बन सकता है। वहीं सर्वेश कुशवाहा को एक बार फिर से कुर्सी सौंपने के कयास लगाए जा रहे हैं। हर जगह यही चर्चा है कि डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय के कहने पर ही सर्वेश कुशवाहा ने पर्चा भरा है और वे उनको कुर्सी पर बैठाने की भरपूर कोशिश करेंगे।

इसी खींचतान में चंदौली जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष का चयन रोका गया है। जिले में भाजपा जिलाध्यक्ष की कुर्सी यह भी तय करेगी कि आने वाले 2 साल तक जिले में किसकी तूती बोलेगी।

 रविवार को प्रदेश के लगभग सभी जिलों में नए भाजपा के जिला अध्यक्षों की घोषणा होनी थी, लेकिन चंदौली में भी घोषणा के लिए जिला अध्यक्ष के चयन के चुनाव प्रभारी को निर्देश दिया गया था लेकिन शाम होने तक संगठन से निर्देश आया कि चंदौली के जिला अध्यक्ष का चयन रोक दिया गया है।

 इस संबंध में भाजपा जिला अध्यक्ष के चयन के जिला चुनाव अधिकारी जनार्दन गुप्ता ने बताया कि यह संगठन का मामला है। पहले जिला अध्यक्ष की घोषणा के लिए निर्देश मिला था कि चंदौली पार्टी कार्यालय पर पहुंचना है, लेकिन फिर दूसरा निर्देश आया कि चंदौली के जिला अध्यक्ष की घोषणा बाद में की जाएगी। संगठन के निर्देश के अनुसार इसके लिए दूसरी तारीख तय की जाएगी।

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