चंदौली की बड़ी परियोजनाओं का बुरा हाल, समय पर पूरा न करने की गारंटी लेकर बैठे हैं कई अफसर
4250 करोड़ की परियोजनाओं को पूरा करने की कोशिश
बिजली-पानी की 144 परियोजनाएं अधर में
कई प्रोजेक्ट दबते जा रहे हैं फाइल में
कौन करेगा इनकी नियमित मॉनिटरिंग
चंदौली जिले में एक करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई परियोजनाओं के समय पर पूरा होने के कोई आसार नहीं दिखायी देते हैं। जिले की सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य से जुड़ी चार हजार 250 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 144 परियोजनाएं अधर में लटकी हुई बतायी जा रही हैं। जबकि इसे पूरा करने के लिए को पूरा करने के लिए प्रदेश व अन्य स्थानों की कुल 19 कार्यदायी संस्थाएं लगी हुयी हैं। कुछ परियोजनाएं तो ऐसी भी हैं जो पांच सालों से फाइलों में ही दबी पड़ी हैं, जिनका भगवान ही मालिक है।
आपको बता दें कि सीएम डैशबोर्ड की जुलाई की परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट के मुताबिक 19 कार्यदायी संस्थाओं में यूपी राजकीय निर्माण निगम के पास स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधित कुल 11 परियोजनाएं लंबित हैं, जिनकी लागत लगभग 103 करोड़ रुपये से अधिक की है। इनमें दो से तीन परियोजनाओं का ही काम पूरा हो पाया है।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश जल निगम के पास 146 करोड़ रुपये की 3 परियोजनाएं हैं, जिसमें एक का भी काम पूरा नहीं हुआ है। वैसे ही सेतु निगम के पास 487 करोड़ रुपये की कुल 9 परियोजनाएं है, इनमें से सिर्फ एक का ही काम पूरा हो पाया है, बाकी सारे कब पूरे होंगे ये साहब बताने की स्थिति में नहीं दिखते हैं।
यूपी प्रोजेक्ट कार्पोरेशन लिमिटेड के पास 38 करोड़ रुपये की आठ परियोजनाएं हैं, इनमें शैक्षणिक भवन और खेल स्टेडियम की परियोजनाएं प्रमुख हैं। जिसमें 3 परियोजनाएं ही पूरी हो चली हैं, बाकी पर काम जारी है। वहीं यूपी आवास विकास परिषद इकाई के पास 19 करोड़ रुपये की स्वास्थ्य केंद्र और मिनी स्टेडियम सहित कुल 4 परियोजनाएं लंबित बतायी जा रही हैं। उसमें भी एक भी परियोजना को समय से पूरा नहीं किया जा सका है।
सी एंड डीएस के पास स्वास्थ्य और शैक्षणिक भवन की 8 परियोजनाएं है। इनमें 4 का काम पूरा करा लिया गया है। लोक निर्माण विभाग के पास 387 करोड़ रुपये की 33 परियोजनाएं हैं। इनमें से केवल 6 परियोजनाओं को पूर्ण करने का दावा किया जा रहा है। सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के पास एक हजार 618 करोड़ की 38 परियोजनाएं है, जिनमें 26 के करीब परियोजनाओं का काम पूरा करने का दावा किया जा रहा है। वहीं मंडी परिषद के पास 119 करोड़ 3 परियोजनाएं हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय मछली मंडी मुख्य है, जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई हो पाई है।
उत्तर प्रदेश पुलिस आवास निगम के पास दो करोड़ रुपये की एक परियोजना है। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के पास 14 करोड़ रुपये की 10 परियोजनाएं है। इनमें पांच का काम पूरा करा लिया गया है। नगर पंचायत चंदौली, चकिया में तीन-तीन परियोजनाएं करीब तीन-तीन करोड़ रुपये की हैं, जिससे नाली, सड़क आदि के निर्माण किया जाना है, जो अभी तक पूरा नहीं हो पाई है।
फाइलों में अटकीं परियोजनाएं
खेल विभाग की 23 करोड़ रुपये की परियोजना, युवा कल्याण विभाग की मिनी स्टेडियम की परियोजना, शिक्षा विभाग की कैथी में बनने वाले बालिका इंटर कॉलेज की योजना, पर्यटन विभाग की पर्यटन स्थलों के जीर्णोद्धार की योजना सहित कई योजनाएं अभी तक फाइलों से बाहर नहीं आ पाई हैं।
इस संबंध में जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि जिले के विकास के लिए चल रहे निर्माण कार्यों की समय समय पर समीक्षा और निगरानी की जा रही है। कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारियों को समय से काम पूरा कराने के लिए कहा गया है। जो समय पर काम नहीं पूरा करेंगे तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी होगी।
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