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लोकसभा चुनाव के दौरान गरमा रहा है जिला न्यायालय के निर्माण का मुद्दा ​​​​​​​

लोकसभा चुनाव के दौरान जिला न्यायालय निर्माण का मुद्दा एक बार फिर से गरमाने लगा है। जिले की  सदर कचहरी के अधिवक्ताओं ने प्रयागराज जाकर जिले के प्रशासनिक जज से मिलकर अपनी मांग दोहरायी है।
 

अधिवक्ताओं ने की प्रशासनिक जज से मुलाकात

न्यायालय निर्माण में आ रही तकनीकी परेशानियों को दूर करने की मांग

 जानिए क्या है कोर्ट के काम में आ गया मुख्य अवरोध 

 

चंदौली जिले में लोकसभा चुनाव के दौरान जिला न्यायालय निर्माण का मुद्दा एक बार फिर से गरमाने लगा है। जिले की  सदर कचहरी के अधिवक्ताओं ने प्रयागराज जाकर जिले के प्रशासनिक जज से मिलकर अपनी मांग दोहरायी है। साथ ही साथ न्यायालय निर्माण में आ रही तकनीकी दिक्कतों दूर कराने की मांग करते हुए जल्द से जल्द जिला न्यायालय निर्माण की पहल करने की अपील की है। 

बताया जा रहा है कि सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश रत्न तिवारी व डिस्ट्रिक्ट डेमोक्रेटिक बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र प्रताप सिंह ने मुलाकात के दौरान कहा कि चंदौली के अधिवक्ताओं ने जिला न्यायालय निर्माण के लिए लम्बा संघर्ष किया। बावजूद इसके तमाम प्रक्रियाएं पूर्ण होने के बाद भी निर्माण कार्य नहीं होने से अधिवक्ता आहत हैं। हर बार नयी नयी अड़चने बताकर काम रोक दिया जा रहा है।

बार के प्रतिनिधियों ने जोर देकर कहा कि अधिवक्ता न्यायालय के लिए 27 साल से संघर्षरत एवं प्रयासरत हैं। न्यायालय निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी हुई और उच्च न्यायालय के इंफ्रास्ट्रक्चर कमेटी ने कांसेप्ट प्लान को स्वीकृत कर दिया। लेकिन टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। इसी बीच अधिग्रहित भूमि के मसले पर एक किसान ने याचिका दायर कर दी। इसे आधार बनाकर शासन ने उच्च न्यायालय से विधिक राय मांगा। इस वजह से निविदा के खोलने का कार्य स्थगित है। न्यायालय निर्माण प्रकरण में उच्च न्यायालय से अनुमति व सहमति मिलते ही निर्माण कार्य शुरु हो पाएगा। 

बताया कि न्यायालय भवन के अभाव में वादकारी, न्यायिक अधिकारी व अधिवक्ता समस्याओं से जूझ रहे है। ऐसी स्थिति में वर्तमान प्रकरण में जो भी तकनीकी समस्या आ रही है। उसे अविलम्ब दूर करते हुए दीवानी न्यायालय भवन का निर्माण कार्य शुरू कराया जाए।

इस मौके पर अनिल सिंह, शमशुद्दीन आदि अधिवक्तागण उपस्थित रहे।

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