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चकबंदी विभाग को डीएम का निर्देश: 3 साल से लंबित मामले ग्राम अदालतें लगाकर होंगे हल, IGRS शिकायतों पर जोर

चंदौली जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग ने चकबंदी कार्यों की समीक्षा की और मानक के अनुसार लंबित वादों के शीघ्र निस्तारण का निर्देश दिया। उन्होंने सीमांत किसानों के हितों को ध्यान में रखकर पारदर्शिता के साथ कार्य करने और आईजीआरएस शिकायतों को समय से निपटाने पर जोर दिया।
 

चकबंदी कार्यों की जिलाधिकारी ने की समीक्षा

 
3 साल से लंबित वादों के निस्तारण पर जोर


गुणवत्तापूर्ण चकबंदी कार्य कराने का फरमान


सीमान्त काश्तकारों के हितों का रखें ध्यान


ग्राम अदालत लगाकर जल्द से निपटाएं वाद

चंदौली जिले में चकबंदी कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को जिलाधिकारी चन्द्र मोहन गर्ग की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट कक्ष में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने मानक के अनुसार वादों के निस्तारण और लक्ष्य के अनुरूप कार्यों को निर्धारित समय में पूरा करने के सख्त निर्देश दिए।

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लंबित वादों पर त्वरित कार्रवाई का निर्देश
बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी (एसओओसी) द्वारा अवगत कराया गया कि ग्राम सेमरसाधोपुर में बाँध का पानी भरा होने के कारण चकबंदी प्रक्रिया आगे बढ़ाना संभव नहीं है, जिसके चलते ग्राम का धारा 6 का प्रस्ताव तैयार कर प्रेषित किया जा रहा है।

धारा-10 के स्तर पर लंबित ग्रामों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सहायक चकबंदी अधिकारी गण को निर्देशित किया कि वे अपने स्तर पर लंबित वादों का शीघ्र निस्तारण करें और शेष वादों को चकबंदी अधिकारी के न्यायालय में संदर्भित करें। चकबंदी अधिकारी गण के यहां वादों की अधिक संख्या पर जिलाधिकारी ने असंतोष व्यक्त किया और निर्देश दिया कि वे मानक के अनुसार वादों का निस्तारण सुनिश्चित करते हुए लंबित ग्रामों का धारा-10 निर्धारित अवधि में पूर्ण कराएं।

तीन साल से लंबित वादों के लिए ग्राम अदालतें
वादों के निस्तारण की समीक्षा के दौरान, विशेष रूप से तीन वर्षों से लंबित वादों के संबंध में जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उचित प्रक्रिया अपनाते हुए आवश्यकतानुसार ग्राम अदालत लगाकर इन वादों का शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण कराया जाए।

बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 15 ग्रामों का कब्जा परिवर्तन करा लिया गया है और 05 ग्रामों का धारा 52 भी पूर्ण किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, इस वित्तीय वर्ष में 18 अन्य ग्रामों का धारा 52 (अंतिम अधिसूचना) भी कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि चक निर्माण के स्तर पर कुल 11 ग्राम लंबित हैं, जिनका कार्य भी निर्धारित समय में पूरा कर लिया जाएगा।

जन शिकायतों और किसानों के हितों पर ध्यान
जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि माननीय उच्च न्यायालय में संस्थित होने वाली रिट याचिकाओं में समय से आवश्यक कार्रवाई की जाए। साथ ही, प्राप्त होने वाली जन शिकायतों/आईजीआरएस (जनसुनवाई पोर्टल) और शासन स्तर से प्राप्त होने वाले संदर्भों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण एवं नियत दिनांक से पूर्व किया जाना चाहिए।

डीएम ने चकबंदी कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया, लेकिन साथ ही निर्देश दिया कि लक्ष्य निर्धारित ग्रामों को समय से और गुणवत्तापरक रूप से पूर्ण किया जाए। उन्होंने विशेष रूप से सीमान्त काश्तकारों (छोटे किसानों) के हितों को ध्यान में रखकर कार्य करने पर जोर दिया, ताकि चकबंदी प्रक्रिया से किसी भी गरीब किसान को नुकसान न हो और उन्हें लाभ मिल सके।

बैठक में बंदोबस्त अधिकारी, चकबंदी पवन कुमार सिंधु सहित अन्य चकबंदी अधिकारी गण सम्मिलित हुए।

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