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अब विदेश जाएंगी चंदौली जिले के किसानों की सब्जियां, ऐसी है सरकार की योजना ​​​​​​​

विख्यात चंदौली जिला अब सब्जियों को विदेशों में निर्यात कर अपनी अलग पहचान बनाएगा। इसको लेकर योजना बनायी गई है। साथ ही सब्जियों के एक्सपोर्ट करने की तैयारी भी शुरू हो गई है।
 

विदेशों में निर्यात की जाएंगी जिले में उगाई गईं सब्जियां

अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रशिक्षित किए जाएंगे किसान

भारतीय सब्जी अनुसंसाधन केंद्र के वैज्ञानिक देंगे प्रशिक्षण

विख्यात चंदौली जिला अब सब्जियों को विदेशों में निर्यात कर अपनी अलग पहचान बनाएगा। इसको लेकर योजना बनायी गई है। साथ ही सब्जियों के एक्सपोर्ट करने की तैयारी भी शुरू हो गई है। इसके लिए किसानों को रसायन मुक्त सब्जियों की खेती और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप उत्पादन करने के लिए बकाएदे प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके तहत उद्यान विभाग की ओर से सात और आठ जनवरी को कृषि विज्ञान केंद्र सभागार में कार्यशाला एवं गोष्ठी आयोजित की गई है। इसमें भारतीय सब्जी अनुसंसाधन केंद्र के वैज्ञानिक किसानों को विदेशी बाजारों के मानकों के अनुरूप वैज्ञानिक ढंग से सब्जियों और अन्य फसलों के उत्पादन की जानकारी मुहैया कराएंगे। इससे किसान आर्थिक रूप से समृद्ध हे होंगे। 


आपको बता दें कि प्रदेश के आठ आकांक्षात्मक जिलों में शामिल चंदौली जिले में धानापुर ब्लॉक के माधोपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की आधुनिक नर्सरी तैयार करने के लिए उद्यान विभाग की ओर से करीब 10 हेक्टेयर में इजरायल के सहयोग से इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें करीब 6 करोड़ 66 लाख 42 हजार रुपये खर्च होंगे। इस सेंटर से इजरायली तकनीक से तैयार रोगमुक्त संकर प्रजाति के सब्जियों के पौध उपलब्ध होंगे। इससे किसान टमाटर, काली मिर्च, बैंगन, शिमला मिर्च, खीरा, कोल फसल, बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न और विदेशी सब्जियों की खेती कर सकते हैं। केंद्र व प्रदेश सरकार के मंशा के अनुसार किसानों की आय दोगुनी दागुना करने के लिए जिला उद्यान विभाग की ओर से एपीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट ओथॉरिटी) के सहयोग से सब्जियों का विदेश में निर्यात किए जाने की योजना है। इस नई योजना के तहत किसान संगठन बनाकर सीधे निर्यात कर सकेंगे। 


इस प्रक्रिया में किसानों को 10 लाख रुपये तक का अनुदान भी दिया जाएगा। वहीं किसानों को रसायन मुक्त खेती के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, माधोपुर स्थित इंडो- इजराइल तकनीक पर आधारित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस नर्सरी इस साल चालू हो जाएगा। यहां से रोग- मुक्त और उन्नत किस्म की सब्जियों के पौधे किसानों को रियायती दरों पर उपलब्ध होने लगेंगे। वर्तमान में किसान जिन बीजों का उपयोग कर रहे हैं। उनसे फसल उत्पादन के लिए अत्यधिक रसायनों का उपयोग करना पड़ता है।

                                                                                                                                                                                                                                       

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