धान का कटोरा अब बनेगा सब्जी उत्पादन का केंद्र, 10 लाख पौधे तैयार करके किसानों को देने की तैयारी
चंदौली में इंटरनेशनल स्तर की ग्रीन नर्सरी तैयार
हाई-टेक पौधों से किसानों की आय में होगी बंपर वृद्धि
मिट्टी के बिना तैयार होंगे 10 लाख रोगमुक्त पौधे
किसानों को मिलेंगे टमाटर और विदेशी सब्जियों के हाई-टेक पौधे
चंदौली जिला, जिसे अब तक 'धान के कटोरे' (Rice Bowl) के रूप में जाना जाता रहा है, अब जल्द ही सब्जी की खेती के लिए भी अपनी पहचान बनाएगा। जिले के किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत एक मिनी सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फार वेजीटेबल की स्थापना की गई है। यह इंटरनेशनल स्तर की आधुनिक नर्सरी किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त और रोगमुक्त सब्जी तथा फलों के पौधे जल्द ही उपलब्ध कराएगी।
यह महत्वाकांक्षी सेंटर जिले के धानापुर विकास खंड के माधोपुर गांव में स्थापित किया गया है। उद्यान विभाग की पहल पर करीब 10 हेक्टेयर क्षेत्र में, 6 करोड़ 66 लाख रुपये की भारी लागत से, इजरायल के सहयोग से इंडो-इजरायल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फार वेजिटेबल सेंटर तैयार हो रहा है।
उच्च तकनीक से तैयार होंगे 10 लाख पौधे
इस सेंटर की सबसे बड़ी खासियत यहां पौधों को तैयार करने की तकनीक है। यहां पौधे मिट्टी रहित प्रो-ट्रे (Pro-Tray) में एक नियंत्रित वातावरण (controlled environment) में तैयार किए जा रहे हैं। जिला उद्यान अधिकारी, शैलेंद्र दुबे ने बताया कि इस तकनीक से पौधों में जड़ों का विकास बहुत अच्छा रहता है और ये पौधे उच्च गुणवत्ता वाले तथा पूरी तरह से रोग रहित होते हैं।
सेंटर में संकर प्रजाति के 10 लाख से अधिक पौधे तैयार किए जा रहे हैं। किसानों को समय पर स्वस्थ और रोगमुक्त पौधे मिलने से उनका उत्पादन बेहतर होगा। माधोपुर का यह सेंटर पूरी तरह से ग्रीन नर्सरी के तौर पर विकसित किया जाएगा।
क्या-क्या मिलेगा किसानों को?
इस सेंटर से किसान मौसमी और बेमौसमी दोनों तरह की सब्जियों के पौधे प्राप्त कर सकते हैं। इन पौधों में टमाटर, काली मिर्च, बैगन, मिर्च, खीरा, कोल फसल (जैसे पत्ता गोभी, फूल गोभी), बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न सहित अन्य सब्जियों के पौधे शामिल हैं। साथ ही, विदेशी सब्जियों के पौधे भी किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे।
किसानों के लिए एक और विशेष सुविधा यह है कि वे अपने मनपसंद सब्जी के बीजों को सेंटर पर देकर, नाम मात्र के खर्च पर स्वयं के पौधे भी तैयार करा सकते हैं।
लागत और प्रशिक्षण की सुविधा
सेंटर में तैयार किए गए सब्जी के पौधों के लिए किसानों को 2 रुपये प्रति पौधे की निर्धारित दर चुकानी होगी। अगर किसान अपना खुद का बीज देता है और सेंटर पर पौधे तैयार करवाता है, तो उसका खर्च एक रुपया प्रति पौधा निर्धारित किया गया है।
जिला उद्यान अधिकारी शैलेंद्र दुबे ने जोर देते हुए कहा कि स्वस्थ पौधे मिलने से उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय दोगुनी से अधिक हो जाएगी। यह सेंटर पूर्वांचल के किसानों को प्रशिक्षण देने की सुविधा भी प्रदान करेगा। यह हाई-टेक नर्सरी चंदौली को एक 'आकांक्षात्मक जिले' के रूप में कृषि क्षेत्र में नई पहचान दिलाएगी।
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