चंदौली में चक्रवात 'मोथा' का कहर, तेज हवा और बारिश ने 30 हेक्टेयर से ज्यादा फसल को किया तबाह
चक्रवात 'मोथा' के कारण धान की फसल जमीन पर बिछी
कटाई के मुहाने पर बर्बादी
दो दिन की बारिश और हवा से चौपट हुई धान की फसल
किसानों ने लगाई मुआवजे की गुहार
उत्तर प्रदेश का 'धान का कटोरा' कहे जाने वाला चंदौली जिला में पिछले दो दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश और तेज हवा के कारण जिले में 30 हेक्टेयर से ज्यादा धान की फसल गिर गई है। किसानों का कहना है कि अगर यह स्थिति बनी रही तो और ज्यादा नुकसान हो सकता है, क्योंकि इस समय फसल पूरी तरह से तैयार है। इससे उत्पादन घट जाएगा।
चक्रवात 'मोथा' का कहर और मौसम का मिजाज
बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान 'मोथा' का असर चंदौली में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। बृहस्पतिवार को सुबह से ही आसमान पर काले बादल छाए रहे। पूरे दिन रुक-रुककर हो रही बारिश से मौसम में ठंडक बनी हुई है, वहीं तेज व ठंडी हवा चलने से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है।
किसानों का कहना है कि मौसम की यह बेरुखी उन पर कहर ढा रही है। तेज हवा और लगातार हो रही बारिश के कारण धान की खड़ी फसल नष्ट हो रही है। किसान रामनिवास मिश्र का कहना है कि काफी मेहनत के बाद इस बार धान की फसल अच्छी थी, लेकिन बारिश ने उनकी उम्मीद पर पानी फेर दिया है।
मौसम विभाग के राज्य प्रभारी अतुल कुमार के अनुसार, मौसम अभी भी ठीक होने की उम्मीद कम है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगले दो दिनों तक बारिश होने की संभावना बनी हुई है। ऐसे में किसानों को और ज्यादा सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है।
खेतों में बिछी फसल, किसानों पर दोहरी मार
धान की फसल इस समय जिले भर में पककर पूरी तरह तैयार खड़ी है। इसी बीच तेज हवा के साथ हुई बारिश ने खेतों में खड़ी इस तैयार फसल को जमीन पर बिछा दिया है। किसानों का कहना है कि अगर यह स्थिति बनी रही, तो और ज्यादा नुकसान हो सकता है और इसका सीधा असर धान के उत्पादन पर पड़ेगा, जो घट जाएगा।
इस बारिश से धानापुर, सकलडीहा, नियामताबाद और चकिया जैसे प्रमुख कृषि क्षेत्रों में काफी फसल गिर चुकी है। इसके अलावा, कंदवा क्षेत्र के किसान भी भारी चिंतित हैं। सिकठा गांव के किसान रतन सिंह, डिग्पी के कामेश्वर राय, कम्हरिया के अनिल सिंह शुन्ना, और चंदौली काला चावल फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी के अधिशासी निदेशक शशिकांत राय ने बताया कि किसानों को दो दिनों से तेज हवा के साथ हो रही लगातार बारिश से दोहरी मार पड़ रही है।
बार-बार बारिश व तेज हवा के चलते जहां धान की फसल बर्बाद हो रही है, वहीं अब खेतों में पानी भरा होने के कारण गेहूं की बोआई पिछड़ने की भी नौबत दिखने लगी है।
भीगी फसलें हुईं अंकुरित, अब बस सरकार से आस
कंदवा क्षेत्र के किसानों की आंखें बारिश के कारण नम हैं। हालत यह है कि खेतों में पानी भरा होने के चलते गिरी हुई फसल को बचा पाना मुश्किल नजर आ रहा है। कई किसानों ने धान की कटाई कर फसल को खेतों में ही छोड़ दिया था। बार-बार भीगने के कारण वह कटी हुई फसल भी पूरी तरह से भीगकर अंकुरित (Germinate) होने लगी है। किसान अब खेतों में भरे पानी को निकाल कर धान की फसल को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
किसान केदार यादव ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि जिले में धान की फसल पककर पूरी तरह तैयार थी, लेकिन बारिश से नुकसान हुआ है। अगर और बारिश होती है तो ज्यादा नुकसान होगा।
किसानों का कहना है कि वे पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और अब बारिश से उनकी फसलें नष्ट हो गई हैं। इसलिए, उन्हें अब सरकार से मदद की बड़ी उम्मीद है। किसानों ने मांग की है कि सरकार को चाहिए कि वह उनकी फसलों का उचित मुआवजा दे और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान करे।
प्रशासन ने भी किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं, ताकि इस नुकसान को कम किया जा सके।
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