चंदौली में धान खरीद ने पकड़ी रफ्तार: अब तक 4.40 लाख क्विंटल की खरीदारी, किसानों को मिले 88 करोड़ रुपये
चंदौली जिले में धान खरीद का आंकड़ा 4.40 लाख क्विंटल के पार पहुँच गया है। 6,800 से अधिक किसानों को सीधे उनके खातों में 88.52 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। प्रशासन अब लक्ष्य प्राप्ति के लिए तेजी से काम कर रहा है।
जिले में कुल 113 धान क्रय केंद्र क्रियाशील
अब तक 6886 किसानों ने बेचा अपना धान
88.52 करोड़ रुपये का किसानों को हुआ भुगतान
क्रय केंद्रों से 50 प्रतिशत धान का उठान
कालाबाजारी रोकने के लिए लगातार छापेमारी जारी
उत्तर प्रदेश में 'धान के कटोरे' कहे जाने वाले चंदौली जिले में धान की सरकारी खरीद अब पूरी तेजी पर है। मौसम की शुरुआती चुनौतियों के बाद अब क्रय केंद्रों पर किसानों की कतारें बढ़ने लगी हैं। जिला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक जिले में 4 लाख 40 हजार 289 क्विंटल धान की खरीद सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है।
किसानों को मिला 88.52 करोड़ का भुगतान
धान खरीद के साथ-साथ राज्य सरकार किसानों को समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित कर रही है। अब तक कुल 6886 किसानों ने अपना धान सरकारी केंद्रों पर बेचा है, जिसके बदले उन्हें कुल 88.52 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजा जा रहा है, जिससे पारदर्शिता बनी हुई है।
विभिन्न एजेंसियों के जरिए खरीद का विवरण
जिले को इस वर्ष 22.50 लाख क्विंटल धान खरीद का महत्वाकांक्षी लक्ष्य दिया गया है, जिसके लिए 113 क्रय केंद्र सक्रिय हैं। विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई खरीद का विवरण इस प्रकार है:
- खाद्य विभाग: 1,92,399 क्विंटल
- पीसीएफ (PCF): 78,189 क्विंटल
- पीसीयू (PCU): 99,785 क्विंटल
- यूपीएसएस (UPSS): 53,735 क्विंटल
- मंडी समिति व एफसीआई: शेष खरीद
चक्रवात के कारण हुई थी देरी
गौरतलब है कि इस वर्ष धान खरीद की शुरुआत 1 नवंबर से होनी थी, लेकिन 'मोथा' चक्रवात के कारण हुई बेमौसम बारिश और नमी की वजह से इसमें विलंब हुआ। जिले में पहली आधिकारिक खरीद 24 नवंबर को हुई थी। शुरुआती 14 दिनों में महज 67 हजार क्विंटल की खरीद हुई थी, लेकिन अब कटाई तेज होने के साथ ही यह ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ा है।
50 प्रतिशत धान का उठान और सख्त निगरानी
डिप्टी आरएमओ राघवेंद्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार को टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद केंद्रों से धान का उठान कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। अब तक करीब 50 प्रतिशत धान गोदामों तक पहुँचाया जा चुका है। इसके साथ ही, धान की कालाबाजारी रोकने के लिए प्रशासन सख्त है। ब्लैक में धान बेचने की सूचनाओं पर लगातार छापेमारी की जा रही है ताकि वास्तविक किसानों को ही सरकारी लाभ मिल सके।
विभागीय अधिकारियों को पूर्ण विश्वास है कि धान की कटाई जैसे-जैसे अंतिम चरण की ओर बढ़ेगी, जिला अपने निर्धारित लक्ष्य को समय रहते प्राप्त कर लेगा।
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