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चंदौली में धान खरीद की रफ़्तार तेज: ई-पॉस मशीनों से बिचौलियों का खेल किया खत्म, किसानों को सीधे मिल रहा लाभ

चंदौली में 130 क्रय केंद्रों पर पारदर्शी तरीके से धान की खरीद जारी है। मोंथा तूफान के कारण आई शुरुआती सुस्ती के बाद अब ई-पॉस तकनीक और त्वरित भुगतान प्रणाली ने किसानों का भरोसा जीता है, जिससे खरीद प्रक्रिया में जबरदस्त तेजी आई है।

 
 

ई-पॉस मशीनों से पारदर्शी खरीद

72 घंटे के भीतर करोड़ों का भुगतान

बिचौलियों से मिली किसानों को मुक्ति

2.25 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य

क्रय केंद्रों पर सुविधाओं का विशेष ध्यान

उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद में इस वर्ष धान खरीद की प्रक्रिया में तकनीक का समावेश एक क्रांतिकारी कदम साबित हो रहा है। जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी के कड़े निर्देशों के बाद जनपद के सभी 130 क्रय केंद्रों पर ई-पॉस (e-POS) मशीनों के माध्यम से बायोमीट्रिक सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है। इस पारदर्शी व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ यह हुआ है कि अब बिचौलियों और फर्जीवाड़ा करने वाले तत्वों के लिए कोई जगह नहीं बची है। किसान सीधे अपनी उपज क्रय केंद्रों पर लेकर आ रहे हैं और उन्हें अपनी मेहनत का वाजिब दाम ₹2369 प्रति कुंतल की दर से प्राप्त हो रहा है।

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चंदौली में खरीद ने पकड़ी रफ़्तार
अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि जनपद को इस सीजन के लिए 2 लाख 25 हजार मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य दिया गया है। हालांकि, जिले में आए 'मोंथा तूफान' की वजह से धान की कटाई में काफी देरी हुई, जिसके कारण शुरुआती दौर में खरीद प्रक्रिया धीमी रही। दिसंबर माह की शुरुआत से ही किसान अपनी उपज लेकर केंद्रों पर पहुंचने लगे हैं। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, अब तक 31,643 मीट्रिक टन धान की सफल खरीद की जा चुकी है। प्रशासन का मानना है कि जैसे-जैसे मौसम साफ होगा और कटाई पूरी होगी, खरीद के लक्ष्य को समय सीमा के भीतर प्राप्त कर लिया जाएगा।

4885 किसानों को मिला 63 करोड़ से अधिक का त्वरित भुगतान
किसानों की आर्थिक सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन ने भुगतान प्रणाली को बेहद तेज कर दिया है। अब तक जनपद के 4885 किसान क्रय केंद्रों पर अपना धान बेच चुके हैं। इन किसानों को उनकी उपज के एवज में 63 करोड़ 61 लाख रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। सबसे सराहनीय बात यह है कि बिक्री के मात्र 48 से 72 घंटे के भीतर राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जा रही है। त्वरित भुगतान की इस व्यवस्था ने किसानों के बीच प्रशासन के प्रति विश्वास पैदा किया है, जिसके चलते वे व्यापारियों को औने-पौने दाम पर अनाज बेचने के बजाय सरकारी केंद्रों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

धान खरीद केंद्रों पर हैं पर्याप्त सुविधाएं
धान खरीद को सुचारू बनाए रखने के लिए जिलाधिकारी और अपर जिलाधिकारी खुद मोर्चा संभाले हुए हैं। बोरे की उपलब्धता सुनिश्चित करने और कांटों पर बिना किसी रुकावट के तौल सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी लगातार क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। केंद्रों पर किसानों के बैठने के लिए छायादार स्थान और शुद्ध पेयजल की व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। अपर जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर किसानों को असुविधा नहीं होनी चाहिए। जिले के 130 केंद्रों पर 1 नवंबर से शुरू हुई यह प्रक्रिया अब अपने पूरे शबाब पर है, जिससे जनपद के काश्तकारों के चेहरे पर खुशी दिखाई दे रही है।

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