नोटों से भरे बैग को लौटा कर सिपाही ने दिखायी ईमानदारी, कप्तान करेंगे सम्मान
पुलिस लाइन के गेट पर मिले थे 2 लाख
नोटों से बैग को लौटाकर जीता दिल
सिपाही ने पेश की ईमानदारी की मिसाल
चंदौली जिले में आज अलीनगर थाने के एक सिपाही अनन्त कुमार सिंह को चंदौली जिले की पुलिस लाइन के गेट का पास एक नोटों से भरा बैग मिला, जिसको लेकर तत्काल पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थित टेलीफोन ड्यूटी के पास गया और अन्य पुलिसकर्मी के समक्ष बैग खोलकर पैसे सहित बैग को सुरक्षित रखा गया और बाद में संबंधित व्यक्ति को लौटाया गया। पुलिस कप्तान ने ऐसे पुलिसकर्मी को सम्मानित व पुरस्कार करने की बात कही है।
ईमानदारी का परिचय देने वाले सिपाही की पुलिस महकमे में तारीफ हो रही है। अलीनगर में नियुक्त ये सिपाही वर्तमान समय में विशेष ड्यूटी पर प्रशिक्षण हेतु पुलिस लाइन से सम्बद्ध हैं। सिपाही अनन्त कुमार की ड्यूटी पुलिस लाइन मेन गेट पर संतरी के रूप में थी। ड्यूटी के समय 2 बजे से 5 बजे तक उसे मौके पर रहना था। इसी बीच गेट के बाहर पार्किंग स्थल पर खड़ी मोटरसाइकिलों पर से एक मोटरसाइकिल पर काले रंग का बैग दिखा, कुछ समय इंतजार के बाद वो उस बैग के पास जाकर उसे खोलकर देखा गया तो देखते ही अचम्भित हो उठे। बैग नोटों की गड्डियों से भरा था।
इसके बाद आरक्षी द्वारा उस बैग को तत्काल पुलिस अधीक्षक कार्यालय स्थित टेलीफोन ड्यूटी पर लाकर अन्य पुलिसकर्मी के समक्ष बैग का पूरा निरीक्षण किया गया जिसमें रूपयों के साथ ही अन्य आवश्यक कागजात भी थे। उन्ही कागजातों में से बैग मालिक का पता व सम्पर्क नम्बर प्राप्त कर उनसे सम्पर्क करते हुए बैग के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई।
अपने छूटे व गुम रूपयों से भरे बैग की जानकारी होते ही मालिक बदहवास हो उठे। उन्हें साहस बंधाते हुए उनका बैग सुरक्षित पुलिस के संरक्षण में होने की जानकारी दी गई। कुछ समय उपरांत बैग के मालिक हिंगुतरगढ़ निवासी जयराम सिंह आकर और अपना रूपयों व जरूरी कागजात से भरा बैग पाकर काफी खुश हुए। उनको अपना पूरा पैसा व कागजात चेक करा सुपुर्द किया गया। वह पुलिस की प्रशंसा करते थक नहीं रहे।
बैग के सम्बन्ध में पूछने पर उन्होंने बताया कि वे धानापुर इण्टर कालेज में शिक्षक था तथा वर्तमान समय सेवानिवृत्त हो चुका हूं। मैं अपनी कार का रजिस्ट्रेशन कराने परिवहन कार्यालय जा रहा था, इसी कारण नगद रूपए बैग में लेकर जा रहा था। मेरे एक रिश्तेदार का फोन आया कि वे पुलिस लाइन के पास हैं। पुलिस लाइन के पास पहुंच अपनी कार से उतर उनसे बातचीत करने लगा, बातचीत के दौरान ही अपने हाथ में लिया बैग यहां खड़ी मोटरसाइकिल पर रख दिया और जाते समय उसे लेना भूल गया। मैं तो सोच लिया था कि अब मेरा पैसा व कागजात मिलने से रहा। लेकिन आज ईमानदारी व सच्चाई की मूर्ति के रूप में चन्दौली पुलिस हमारे सामने खड़ी है, मै अपने हृदयतल से पुलिस का आभार व धन्यवाद करता हूं। पुलिस ने मेरा पूरा पैसा व कागजात ही सुरक्षित नहीं लौटाया बल्कि सदैव के लिए हमारे हृदय में पुलिस बल के लिए ईमानदारी, सेवा, समर्पण व विश्वास का भाव भी भर दिया है। बारम्बार बहुत-बहुत आभार व धन्यवाद चन्दौली पुलिस को।
उसके बाग पुलिस अधीक्षक चन्दौली महोदय द्वारा आरक्षी के अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठा व ईमानदारी की सराहना व प्रशंसा करते हुए पुरस्कृत करने एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान करने की घोषणा की गई।
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