लूट को 'गुमशुदगी' में बदल देती है चंदौली पुलिस, पूर्व विधायक मनोज सिंह ने जारी किया वीडियो
चंदौली में बढ़ती चोरी और लूट की वारदातों के बीच पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस लूट की घटनाओं को 'गुमशुदगी' बताकर अपराध का ग्राफ कम दिखाने की कोशिश कर रही है।
चंदौली पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
चंदौली मझवार स्टेशन पर लूट की वारदात
लूट को गुमशुदगी बताने का आरोप
पूर्व विधायक का पुलिस पर तीखा प्रहार
समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक और कद्दावर नेता मनोज सिंह डब्लू ने एक बार फिर चंदौली जनपद की पुलिसिंग और कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने जिले में बढ़ती चोरी और लूट की वारदातों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया है कि पुलिस धरातल पर अपराध रोकने के बजाय कागजों पर आंकड़े सुधारने में अधिक दिलचस्पी ले रही है। उनके अनुसार, पुलिस विभाग द्वारा गंभीर घटनाओं की एफआईआर दर्ज न करना एक सोची-समझी रणनीति बन गई है, ताकि जिले का अपराध ग्राफ कम दिखाया जा सके। पूर्व विधायक ने स्पष्ट किया कि पुलिस की इसी कार्यशैली के कारण अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और आम जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है।
मझवार स्टेशन के पास हुई लूट की वारदात
हालिया घटना का जिक्र करते हुए पूर्व विधायक ने बताया कि बुधवार की मध्य रात्रि उनके एक रिश्तेदार, अर्जुन सिंह, चंदौली मझवार स्टेशन पर ट्रेन से उतरे थे। घना कोहरा होने के कारण उनके पुत्र ने उन्हें ऑटो लेकर सैयदराजा की तरफ आने का सुझाव दिया। जब अर्जुन सिंह स्टेशन परिसर से बाहर निकलकर सर्विस लेन पर वाहन का इंतजार कर रहे थे, तभी बाइक सवार दो अज्ञात बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। बदमाशों ने उनके साथ मारपीट की और डरा-धमकाकर उनका बैग, नकदी और मोबाइल लूट लिया। इस घटना ने स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्राथमिकी के नाम पर 'गुमशुदगी' का खेल
घटना के तुरंत बाद पीड़ित पक्ष चंदौली कोतवाली पहुंचा, लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। अगले दिन जब पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप किया और कोतवाल से बात की, तब जाकर पीड़ित को चौकी बुलाया गया। हालांकि, यहां भी पुलिस की कार्यशैली संदेहास्पद रही। आरोप है कि कस्बा चौकी इंचार्ज ने लूट की घटना की तहरीर लेने के बजाय खुद ही 'मोबाइल गुमशुदगी' की शिकायत लिखकर पीड़ित के हस्ताक्षर करवा लिए। मनोज सिंह डब्लू ने इसे पुलिस का पुराना हथकंडा बताया, जिसमें लूट और चोरी जैसे संगीन जुर्म को 'गुमशुदगी' में तब्दील कर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है।
एसपी चंदौली से हस्तक्षेप की मांग
मनोज सिंह डब्लू ने चेतावनी दी है कि जब तक पुलिस सही धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू नहीं करेगी, तब तक अपराधियों में कानून का भय पैदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज न होने का सीधा मतलब है कि घटना की कोई आधिकारिक छानबीन नहीं होगी, जिससे चोर और लुटेरे बेखौफ होकर अगली वारदात को अंजाम देंगे। पूर्व विधायक ने पुलिस अधीक्षक (एसपी) चंदौली से इस पूरे प्रकरण का संज्ञान लेने और संबंधित पुलिसकर्मियों की कार्यशैली की जांच करने की मांग की है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता की सुरक्षा के लिए पुलिस को आंकड़ों के मायाजाल से बाहर निकलकर निष्पक्षता से काम करना चाहिए।
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