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कब बनना शुरू होगा धरहरा में स्टेडियम, कब पूरा होगा खिलाड़ियों का सपना, महेंद्रनाथ पांडेय को करनी होगी पैरवी

चंदौली जिले में कई कवायद के बाद भी एक भी खेल स्टेडियम का निर्माण नहीं हो सका है। इससे जिले के प्रतिभावान खिलाड़ियों की प्रतिभा को उड़ान के लिए पंख नहीं मिल पा रहे हैं।
 

जिले की खेल प्रतिभाएं तोड रहीं दम

धरहरा में स्टेडियम बनाने के लिए मिला है पांच करोड़

 अभी तक जारी नहीं हुआ है टेंडर

 अगले महीने से काम शुरू कराने का दावा 

 

चंदौली जिले में कई कवायद के बाद भी एक भी खेल स्टेडियम का निर्माण नहीं हो सका है। इससे जिले के प्रतिभावान खिलाड़ियों की प्रतिभा को उड़ान के लिए पंख नहीं मिल पा रहे हैं। स्टेडियम निर्माण के लिए कई बार जनप्रतिनिधि वादा कर चुके हैं लेकिन किसी ने वादा पूरा नहीं किया है। स्टेडियम और खेल मैदान के अभाव में जिले की खेल प्रतिभाएं दम तोड़ रही हैं। वहीं पूर्व सांसद डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय की पहल को अभी अमली जामा पहनाए जाने का इंतजार है।

जनपद के प्रतिभावान खिलाड़ी आज भी स्टेडियम के लिए तरस रहे हैं। वर्षों से केवल कागजों में ही प्रस्ताव बन रहा है, लेकिन धरातल पर स्टेडियम का कहीं पता नहीं चल रहा है। वर्ष 2021 के मार्च माह में नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन संतोष खरवार ने स्टेडियम की सौगात देने का दावा किया था लेकिन हर बार की तरह यह दावा भी हवा हवाई साबित हुआ। इसके खिलाफ खिलाड़ियों ने कोतवाली में धरना देने की चेतावनी दी थी, लेकिन नगर पालिका के अध्यक्ष ने खिलाड़ियों को आश्वासन देकर शांत करा दिया था।


पूर्व सांसद डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय की पहल के बाद वर्ष 2022 में जिले को आकांक्षी जिला घोषित किया गया था। इसके साथ ही सकलडीहा विकासखंड के धरहरा गांव में स्टेडियम बनाने के लिए जमीन चिह्नित कर करीब 25 करोड़ की कार्ययोजना बनाकर शासन को मंजूरी के लिए भेजी गई थी। इसके बाद शासन की ओर से लोकसभा चुनाव के पहले पांच करोड़ रुपये अवमुक्त कर दिए गए हैं। यूपी पीसीएल को निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस सम्बंध में यूपी पीसीएल परियोजना अधिकारी जयप्रकाश सिंह ने बताया कि धरहरा में स्टेडियम बनाने के लिए शासन से पहली किश्त के पांच करोड़ रुपये मिल गए हैं। आगामी जुलाई माह में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर निर्माण कार्य आरंभ करा दिया जाएगा।


इस सम्बंध में बॉक्सिग एसोसिएशन के महासचिव कुमार नंदजी ने बताया कि जनपद के अधिकांश खिलाड़ी राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं, लेकिन स्टेडियम न होने से होनहार खिलाड़ियों मनोबल टूटने लगा है। अभ्यास करने के लिए नगर में कोई जगह नहीं है।

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