5 साल में 6 करोड़ बढ़ गई लागत, 2 बार बढ़ायी गयी पूरा करने की तारीख, फिर भी नहीं बन पाया ट्रॉमा सेंटर
महेवा में हाईवे के किनारे वर्ष 2019 में हुआ था शिलान्यास
हर साल करोड़ों की बढ़ती गयी है लागत
अब तक आधा भी काम नहीं हो सका है पूरा
चंदौली जिले में पांच साल से बन रहे ट्रॉमा सेंटर की लागत खर्च 10 से बढ़कर 16 करोड़ रुपये हो गई और दो बाद निर्धारित मियाद भी बीत कई लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस पहली किस्त के तौर पर मिले छह करोड़ 45 लाख रुपये खर्च कर अब तक सिर्फ 39 फीसदी काम करा पाई है।
आपको बता दें कि जिला चंदौली नेशनल हाईवे पर दुर्घटनाएं होती है लेकिन इलाज की बेहतर व्यवस्था नहीं है। ऐसी गंभीर रूप से घायलों को बीएचयू ट्रॉमा भेजा जाता है। त्वरित इलाज नहीं मिलने के कारण घायलों की मौत भी हो जाती है। इस समस्या को देखते हुए 8 दिसंबर 2018 को तत्कालीन केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय की पहल पर स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने महेवा गांव में हाईवे के किनारे ट्रॉमा सेंटर का शिलान्यास किया था।
बताते चलें कि इसका संचालन बाबा कीनाराम राजकीय मेडिकल कॉलेज करेगा। इसमें पांच बेड के आईसीयू समेत दस बेड होंगे। ट्रॉमा सेंटर बनने से आसपास के जिलों को भी लाभ मिलेगा।
वर्ष 2019 में ट्रॉमा सेंटर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। वर्ष 2021 में काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।कार्यदायी संस्था की सुस्त रफ्तार को देखते हुए मियाद बढ़ाकर मार्च 2024 तय की गई लेकिन अभी तक सिर्फ 39 फीसदी काम हुआ है।
सीएम डैशबोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार पहले ट्रॉमा सेंटर के निर्माण की लागत 10 करोड़ रुपये निर्धारित की गई थी लेकिन बाद में यह बढ़कर 14 करोड़ पांच लाख रुपये हो गई। इसके बाद 2023 में लागत राशि बढ़कर 16 करोड़ 39 लाख तक पहुंच गई।
इस संबंध में एसीएमओ आरबी शरण ने बताया कि कार्यदायी संस्था को धनराशि का भुगतान किया गया है। निर्माण कार्य की लगातार निगरानी की जा रही है। हमारा प्रयास है कि जल्द काम पूरा कराकर ट्रॉमासेंटर शुरू कराया जाय।
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