आज विधिवत एक और पूजापाठ के बाद शुरू होगा ट्रॉमा सेंटर के निर्माण का काम, 5 साल पहले हो चुका है शिलान्यास

8 दिसंबर 2018 को तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने किया था शिलान्यास, बीएचयू के डॉक्टरों की एक डिमांड बनी थी रोड़ा
चंदौली के मेडिकल कॉलेज बनने से रास्ता हुआ साफ
अब लेवल 3 के ट्रॉमा सेंटर की तैयारी
मार्च 2024 में पूरा हो जाएगा काम
चन्दौली जिले के पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर तहसील क्षेत्र के महेवा गांव में सोमवार को ट्रॉमा सेंटर निर्माण के कार्य का शुभारंभ मोदी सरकार में भारी उद्योग मंत्री व जिले के सांसद डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय के द्वारा किया जाने वाला है। उनके आने को लेकर कार्यक्रम स्थल पर पिछले दो दिनों से तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। प्रोटोकॉल के हिसाब से वे वहां 4:30 बजे से देर शाम 7:00 बजे तक रहेंगे। फिर वाराणसी होते हुए दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत महेवा गांव में नेशनल हाईवे के किनारे ट्रॉमा सेंटर का शिलान्यास 8 दिसंबर 2018 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा व क्षेत्रीय सांसद डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय ने किया था। उस समय 3 करोड़ 12 लाख 95000 की लागत से लेवल तीन का ट्रॉमा सेंटर प्रस्तावित था, लेकिन इसके निर्माण में तमाम तरह की अड़चने आती रहीं। बाद में जब यह एक राजनीतिक मुद्दा बनने लगा तो डॉक्टर महेंद्र पांडे की पहल पर इसे लेवल 2 के रूप में उच्चीकृत गया।
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री व सांसद डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय द्वारा आज 28 अगस्त को शाम 4:30 बजे महेवा गांव में ट्रॉमा सेंटर के लिए निर्माण कार्य का फिर से शुभारंभ करेंगे। शासन की ओर से इसके निर्माण के लिए 14 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। ट्रॉमा सेंटर का निर्माण का काम मार्च 2024 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। इसकी सुविधाओं का लाभ चंदौली ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य बिहार व पड़ोसी जनपद के लोगों को भी मिलेगा।
इसलिए नहीं बना पहले वाला ट्रॉमा सेंटर
पिछले प्रोजेक्ट के अनुसार जब 24 जुलाई 2019 को बीएचयू के तत्कालीन कुलपति प्रो राकेश भटनागर व मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल के बीच हुई बैठक में तय हुआ कि चंदौली जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास ट्रॉमा सेंटर संचालन के लिए पर्याप्त साधन व अनुभव नहीं है। ऐसी स्थिति में इसकी स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर प्रशासनिक व्यवस्थाएं बीएचयू के ही अधीन होंगी। इसमें बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर व सर सुंदरलाल अस्पताल के डॉक्टरों से भी सहयोग लिया जाएगा। उसके बाद बीएचयू प्रशासन ने ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों व अन्य कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा की मांग रख दी, क्योंकि वहां से आना जाना संभव नहीं था। इस बजट में डॉक्टरों व अन्य कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा के लिए कोई प्राविधान नहीं था। इसके बाद इस निर्माणाधीन कार्य को रोक दिया गया था।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*