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40 प्रतिशत पूरा हो गया है ट्रॉमा सेंटर का निर्माण कार्य, जून के पहले हैंडओवर करने का प्लान ​​​​​​​

नियामताबाद विकासखण्ड के महेवा में नेशनल हाईवे के किनारे बनने वाले ट्रॉमा सेंटर का निर्माण कार्य अब जल्द ही पूरा हो जाएगा, क्योंकि काम करने वाली एजेंसी का दावा है कि इस प्रोजेक्ट का लगभग 40 प्रतिशत काम पूरा होने के करीब है।
 

महेवा में नेशनल हाईवे के किनारे बन रहा है ट्रॉमा सेंटर

निर्माण कार्य अब जल्द पूरा करने पर जोर

जल्द मिलेंगी चंदौली जिले के मरीजों को अच्छी सुविधाएं

 

चंदौली जिले के नियामताबाद विकासखण्ड के महेवा में नेशनल हाईवे के किनारे बनने वाले ट्रॉमा सेंटर का निर्माण कार्य अब जल्द ही पूरा हो जाएगा, क्योंकि काम करने वाली एजेंसी का दावा है कि इस प्रोजेक्ट का लगभग 40 प्रतिशत काम पूरा होने के करीब है। नींव तक कार्य पूरा होने के बाद अब छत ढलाई का कार्य शुरू हो गया है। इससे ऐसा लगता है कि अगले कुछ महीनों में अप्रैल-मई या जून तक इसका काम पूरा करने की तैयारी है। इससे लोगों को जल्द इसका लाभ मिलने लगेगा।

आपको बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत विकासखंड के महेवा गांव में नेशनल हाईवे के किनारे ट्रॉमा सेंटर का शिलान्यास 8 दिसंबर 2018 को तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा व क्षेत्रीय सांसद डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने किया था। उस समय तीन करोड़ 12 लाख 95 हजार की लागत से लेवेल तीन का ट्रॉमा सेंटर प्रस्तावित था। लेकिन बाद में सांसद डॉ महेन्द्रनाथ पांडेय की पहल पर इसे लेवेल दो के रूप में उच्चीकृत किया गया। 


24 जुलाई 2019 को बीएचयू के तत्कालीन कुलपति प्रो राकेश भटनागर व मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल के बीच हुई बैठक में तय हुआ कि चंदौली जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास ट्रॉमा सेंटर संचालन के लिए पर्याप्त साधन व अनुभव नहीं है। इसकी स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर प्रशासनिक व्यवस्थाएं बीएचयू के ही अधीन होंगी। इसमें बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर व सर सुंदरलाल अस्पताल के डॉक्टरों से भी सहयोग लिया जाएगा। लेकिन बीएचयू प्रशासन ने ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों व अन्य कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधा की मांग रख दी।

आपको बता दें कि लेवल दो ट्रॉमा सेंटर में अलग से स्टाफ होता है। यहां सर्जन, एनेस्थेटिक, आर्थोपेडिक सर्जन, बाल रोग विशेषज्ञ, ईएमओ सहित अन्य चिकित्सकों की नियुक्ति होती है। इसके अलावा स्टाफ नर्स, वार्ड ब्याय, फार्मासस्टि सहित अन्य कर्मचारियों का स्टाफ होता है। संसाधनों में आधुनिक उपकरण, कलर एक्सरे, डिजिटल अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, वेंटीलेटर व आईसीयू की भी व्यवस्था होती है। इसमें कुल 20 बेड होंगे। जिनमें 10 बेड जनरल व 10 बेड आईसीयू में होगा। 

इसके अलावा दो मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर व एक माइनर ऑपरेशन थिएटर होगा। ट्रामा सेंटर के हर बेड पर मेडिकल गैस पाइपलाइन की सुविधा होगी। साथ ही इसमें सीटी स्कैन, एक्स-रे व ब्लड बैंक आदि की भी सुविधा मिलेगी।

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