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UP Board Exam 2026: पेपर लीक होने पर भी परीक्षा नहीं होगी रद्द, चंदौली में दो सेट में आएंगे प्रश्न पत्र

नकल पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए बोर्ड ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। सबसे महत्वपूर्ण कदम है उत्तर पुस्तिकाओं कोडिंग व्यवस्था के साथ लागू करना।
 

बोर्ड परीक्षा 2026 में नकल माफिया पर नकेल कसने की तैयारी

63 हजार परीक्षार्थियों के लिए हर कमरे में 2 CCTV और QR कोड वाली ID होगी अनिवार्य

कोडिंग व्यवस्था से रुकेगी नकल

चंदौली जिले में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की वर्ष 2026 की परीक्षा देने वाले 63 हजार से अधिक परीक्षार्थियों के लिए यह राहत की खबर है। यदि किसी कारणवश प्रश्न पत्र लीक हो भी जाता है, तो भी उनकी परीक्षा निरस्त नहीं होगी।

विभाग के अनुसार, यूपी बोर्ड ने नकल माफियाओं के मंसूबों पर पानी फेरने के लिए इस बार अपनी तैयारी पूरी कर ली है। जनपद के 248 माध्यमिक स्कूलों में पंजीकृत 63 हजार 111 विद्यार्थी इस बार परीक्षा देंगे।

दो सेट में आएंगे प्रश्न पत्र

इस बार भी प्रत्येक विषय के दो सेट में प्रश्न पत्र परीक्षा केंद्रों को दिए जाएंगे। बोर्ड ने यह व्यवस्था पहली बार वर्ष 2025 की परीक्षा में प्रयोग के तौर पर पूरे प्रदेश में लागू की थी, जिसे इस बार भी जारी रखा जा रहा है। यदि पहले सेट का पेपर लीक होता है, तो बोर्ड तुरंत दूसरे सेट के प्रश्न पत्र से परीक्षा संपन्न करा लेगा। जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) देवेन्द्र सिंह ने बताया कि बोर्ड इस व्यवस्था को लेकर बेहद सख्त है और कहीं भी कुछ अनुचित होने पर दूसरा सेट देकर परीक्षा सकुशल संपन्न कराई जाएगी।

उत्तर पुस्तिकाओं की अदला-बदली नामुमकिन

नकल पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिए बोर्ड ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। सबसे महत्वपूर्ण कदम है उत्तर पुस्तिकाओं कोडिंग व्यवस्था के साथ लागू करना। परीक्षा रजिस्टर में छात्र के रोल नंबर के साथ उत्तरपुस्तिका का कोड भी अंकित रहेगा। इस कोडिंग व्यवस्था के कारण, उत्तरपुस्तिका को बदलना या उसकी अदला-बदली करना अब संभव नहीं होगा। संदेह होने की स्थिति में रजिस्टर से मिलान करके तुरंत गड़बड़ी पकड़ी जा सकेगी।

CCTV और QR कोड वाली ID

पारदर्शिता बनाए रखने के लिए, परिषद ने सभी स्कूलों के हर कमरे में दो सीसीटीवी कैमरा लगवाने के निर्देश दिए हैं। इसका मकसद है कि अगर एक कैमरा खराब हो जाए, तो दूसरा कैमरा निगरानी के लिए चालू रहे।

इसके अलावा, परीक्षा ड्यूटी में तैनात शिक्षकों और कक्ष निरीक्षकों की पहचान की भी व्यवस्था की गई है। उन्हें क्यूआर कोड और क्रमांक नंबर वाला पहचान पत्र मिलेगा, जिस पर उनका पूरा विवरण दर्ज होगा। यह कदम खासकर परीक्षा केंद्र में नकल माफिया और बाहरियों के प्रवेश को रोकने के लिए उठाया गया है।

इस संबंध में डीआईओएस देवेन्द्र सिंह ने बताया कि पिछली बार जिले में 82 केंद्रों पर परीक्षाएं हुई थीं, लेकिन दसवीं और बारहवीं में इस बार तीन हजार विद्यार्थी अधिक हैं। इसलिए अनुमान है कि परीक्षा केंद्रों की संख्या 90 के आस-पास रहेगी, और केंद्र बनाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।

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