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चंदौली में यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्रों की आ गयीं 51 शिकायतें, अब होगी इनकी जांच

चंदौली जिले में यूपी बोर्ड परीक्षा 2026 के लिए प्रस्तावित 82 केंद्रों पर 51 शिकायतें मिली हैं। मुख्य आपत्तियाँ परीक्षा केंद्रों की दूरी अधिक होने और क्षमता से ज्यादा छात्र आवंटन को लेकर हैं। अपर जिलाधिकारी के निर्देश पर उप जिलाधिकारियों के माध्यम से शिकायतों का सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन रिपोर्ट जिला अधिकारी की समिति द्वारा बोर्ड को भेजी जाएगी, जिसके बाद केंद्रों की अंतिम सूची जारी की जाएगी।
 

केन्द्रों की दूरी और क्षमता पर अभिभावकों को आपत्ति
63,000 परीक्षार्थियों के लिए 82 केंद्र प्रस्तावित
 उप जिलाधिकारियों से कराया जा रहा है सत्यापन
जिला अधिकारी की समिति बोर्ड को भेजेगी सत्यापन रिपोर्ट

चंदौली जिले में यूपी बोर्ड परीक्षा 2026 को लेकर जिला प्रशासन द्वारा तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। आवश्यक तैयारियों के तहत, परीक्षा केंद्रों की प्रस्तावित सूची जारी होने के बाद जिला प्रशासन ने हितधारकों से आपत्तियाँ और सुझाव आमंत्रित किए थे। इसके लिए 1 दिसंबर से 4 दिसंबर 2025 तक की अवधि निर्धारित की गई थी। इस निर्धारित अवधि में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को कुल 51 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनके निस्तारण की प्रक्रिया जिला प्रशासन द्वारा युद्ध स्तर पर तेज कर दी गई है।

जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय द्वारा बोर्ड परीक्षा से संबंधित आवश्यक तैयारियों को लगभग पूरा कर लिया गया है। आगामी परीक्षाओं के लिए जिले में करीब 63,000 परीक्षार्थियों के लिए कुल 82 परीक्षा केंद्र प्रस्तावित किए गए थे। केंद्र निर्धारण के बाद कई विद्यालयों के प्रबंधकों और अभिभावकों ने लिखित आवेदन कर आपत्ति दर्ज कराई है।

प्राप्त शिकायतों में मुख्य रूप से दो प्रमुख तरह की शिकायतें शामिल हैं:---

1-परीक्षा केंद्रों की दूरी अधिक होना: कई अभिभावकों ने शिकायत की है कि प्रस्तावित परीक्षा केंद्र उनके निवास स्थान या विद्यालय से काफी दूर हैं, जिससे छात्रों को आवागमन में अनावश्यक परेशानी होगी, खासकर ठंड के मौसम में।

2-क्षमता से अधिक छात्र आवंटन: कुछ परीक्षा केंद्रों पर भवन या बैठने की क्षमता के अनुपात में परीक्षार्थियों की संख्या अत्यधिक बढ़ा दिए जाने की भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं।

इन सभी 51 शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, अपर जिला अधिकारी के निर्देश पर, इन्हें संबंधित तहसीलों के उप जिलाधिकारियों के माध्यम से परीक्षण और सत्यापन के लिए भेजा गया है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जांच प्रक्रिया निष्पक्ष हो ताकि किसी भी विद्यालय या छात्र को अनावश्यक परेशानी न हो और परीक्षा व्यवस्था पारदर्शी बनी रहे।

सत्यापन के बाद बोर्ड को भेजी जाएगी अंतिम रिपोर्ट
जिला विद्यालय निरीक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि सभी प्राप्त शिकायतों का सत्यापन उप जिलाधिकारी स्तर से पूरा होने के बाद, उसकी विस्तृत रिपोर्ट जिला अधिकारी द्वारा गठित समिति के माध्यम से उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) को भेजी जाएगी।

डीआईओएस ने बताया कि बोर्ड इस सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर ही अंतिम निर्णय करेगा। बोर्ड यह तय करेगा कि परीक्षा केंद्रों में आवश्यकतानुसार संशोधन, कटौती या बढ़ोतरी की जाए, अथवा पूर्व प्रस्तावित 82 केंद्रों पर ही परीक्षा को यथावत कराया जाए।

संतुलित केंद्र निर्धारण प्रशासन के लिए चुनौती
चंदौली जनपद में परीक्षार्थियों की बड़ी संख्या (लगभग 63,000) को देखते हुए, परीक्षा केंद्रों का संतुलित निर्धारण करना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। संतुलित निर्धारण का अर्थ है कि सभी छात्रों को नजदीक और सुविधाजनक केंद्र मिले, और सभी केंद्रों पर पर्याप्त भौतिक संसाधन उपलब्ध हों।

फिलहाल, सभी हितधारकों को शिकायतों के निस्तारण और जिला स्तरीय समिति के निर्णय के बाद बोर्ड द्वारा जारी होने वाली अंतिम सूची का बेसब्री से इंतजार है। अब देखना यह होगा कि इन शिकायतों के आधार पर परीक्षा केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी होती है, केंद्रों में फेरबदल किया जाता है, या मौजूदा व्यवस्था ही थोड़ी बहुत संशोधन के साथ यथावत रहती है।

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