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चंदौली में बाल स्वास्थ्य पोषण माह का शुभारंभ: 2.6 लाख बच्चों को बीमारियों से बचाने की बड़ी मुहिम

चंदौली में 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को कुपोषण और बीमारियों से बचाने के लिए विटामिन ‘ए’ अनुपूरण अभियान शुरू हो गया है। जनवरी 2026 तक चलने वाले इस विशेष अभियान का लक्ष्य 2.60 लाख बच्चों को सुरक्षा कवच प्रदान करना है।

 

चंदौली में बाल स्वास्थ्य पोषण माह शुरू

2.60 लाख बच्चों को विटामिन खुराक का लक्ष्य

रतौंधी और संक्रमण से मिलेगी सुरक्षा

हर बुधवार और शनिवार को विशेष सत्र

चंदौली जनपद में शिशुओं और बच्चों के स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से विटामिन ‘ए’ अनुपूरण अभियान का औपचारिक शुभारंभ कर दिया गया है। इस अभियान के तहत बाल स्वास्थ्य पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है, जिसका मुख्य लक्ष्य 0 से 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों को रतौंधी, गंभीर संक्रमण और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी) जैसी समस्याओं से सुरक्षा प्रदान करना है। 

स्वास्थ्य विभाग ने इस अभियान को पूरी योजनाबद्ध तरीके से लागू किया है ताकि जिले के हर बच्चे तक इस जीवनरक्षक खुराक की पहुँच सुनिश्चित की जा सके। यह विशेष स्वास्थ्य अभियान पूरे जनवरी माह 2026 तक निरंतर चलाया जाएगा, जिससे व्यापक स्तर पर बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार की उम्मीद है।

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टीकाकरण सत्र और लक्ष्य का निर्धारण 
जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, विटामिन ‘ए’ की खुराक देने के लिए विशेष दिन निर्धारित किए गए हैं। अभियान के अंतर्गत प्रत्येक बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण सत्र स्थलों पर प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बच्चों को यह खुराक पिलाई जा रही है। इस महत्वपूर्ण अभियान की शुरुआत जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अमित कुमार दुबे ने 26 दिसंबर 2025 को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चंदौली में बच्चों को स्वयं दवा पिलाकर की। विभाग ने इस बार जनपद में कुल 2 लाख 60 हजार 908 बच्चों को विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलाने का एक बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें पूरी तरह सक्रिय हैं।

बच्चों के विकास में विटामिन ‘ए’ की जरुरत
 चिकित्सकीय विशेषज्ञों और स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि विटामिन ‘ए’ बच्चों के सर्वांगीण शारीरिक विकास के लिए एक अनिवार्य तत्व है। यह न केवल आँखों की रोशनी को तेज करता है, बल्कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी विकसित करता है, जिससे बच्चे बार-बार होने वाले संक्रमणों की चपेट में नहीं आते। इस खुराक के नियमित सेवन से बच्चों में रतौंधी जैसी गंभीर दृष्टिहीनता वाली बीमारियों का खतरा न्यूनतम हो जाता है। बाल स्वास्थ्य पोषण माह के दौरान स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि बच्चों को सही मात्रा में पोषण मिले, ताकि वे भविष्य में एक स्वस्थ जीवन जी सकें और उनकी विकास दर सामान्य बनी रहे।

जागरूकता अभियान और अभिभावकों से अपील
 इस अभियान को सफल बनाने के लिए केवल स्वास्थ्य केंद्रों तक ही सीमित नहीं रहा गया है, बल्कि जमीनी स्तर पर भी प्रयास किए जा रहे हैं। आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और विभिन्न स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर अभिभावकों को इस खुराक के महत्व के बारे में जागरूक कर रहे हैं। इस जनसंपर्क का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र बच्चा इस महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षा से वंचित न रह जाए। स्वास्थ्य विभाग ने सभी अभिभावकों से पुरजोर अपील की है कि वे अपने 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों को निर्धारित तिथियों पर अपने नजदीकी टीकाकरण केंद्र या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर अवश्य ले जाएं। बच्चों को विटामिन ‘ए’ की खुराक दिलाकर उन्हें कुपोषण मुक्त और बीमारियों से सुरक्षित भविष्य प्रदान करना हर अभिभावक की जिम्मेदारी है।

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