किसान दिवस में नाराज हुए डीएम तो गिरी जल निगम के अधिशासी अभियंता पर गाज
खेती को नुकसान पहुंचाने वाले आवारा पशुओं पर लगेगी लगाम
15 दिन में हो किसानों की समस्याओं का समाधान
जिलाधिकारी ने दी लापरवाह अधिकारियों को सख्त चेतावनी
चंदौली में जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित 'किसान दिवस' बैठक में किसानों से जुड़ी समस्याओं पर न केवल गहन चर्चा हुई, बल्कि लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई भी की गई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसानों की समस्याओं को टालने के बजाय उन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता से निपटाया जाए। बैठक की शुरुआत में जिलाधिकारी ने उपस्थित सभी किसान बंधुओं और अधिकारियों को आगामी छठ पर्व एवं अन्य त्योहारों की शुभकामनाएँ दीं। इसके बाद सभी अधिकारियों एवं किसान प्रतिनिधियों का परिचय हुआ और बैठक विधिवत शुरू की गई।

लापरवाही पर डीएम का कड़ा एक्शन
किसान दिवस की बैठक से अधिशासी अभियंता, जल निगम के अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग ने सख्त नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने तत्काल प्रभाव से जल निगम के अधिशासी अभियंता को शो-कॉज नोटिस जारी करने और उनका एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए।
पिछली बैठकों में उठाए गए मुद्दों पर चर्चा करते हुए पाया गया कि अधिकांश समस्याओं का समाधान हो चुका है, लेकिन कुछ शिकायतें अभी भी लंबित हैं। इस पर जिलाधिकारी ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने निर्देश दिया कि जो समस्याएँ अधिकारी स्तर पर हल हो सकती हैं, उन्हें टाला न जाए, बल्कि गंभीरता और प्राथमिकता के साथ निपटाया जाए।

शिकायतों के निस्तारण के लिए समय सीमा निर्धारित
जिलाधिकारी ने किसान दिवस में प्राप्त होने वाली नई शिकायतों के लिए एक सख्त समय सीमा तय कर दी है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्राप्त सभी समस्याओं पर 15 दिनों के भीतर कार्रवाई पूरी कर ली जाए और निस्तारण की पूरी रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए।
सबसे महत्वपूर्ण निर्देश यह दिया गया कि अगली किसान दिवस की बैठक में पुरानी समस्याओं पर विभागवार की गई कार्यवाही का उल्लेख करते हुए एक पेज की निस्तारण आख्या किसानों को भी उपलब्ध कराई जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। किसानों की शिकायतों के समाधान की निगरानी के लिए जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी को तहसील स्तर पर रोस्टरवार अधिकारियों की ड्यूटी लगाने के भी निर्देश दिए।

आवारा पशु और जल निकासी बड़ी समस्या
किसानों ने बैठक में अपनी दो सबसे बड़ी समस्याओं से जिलाधिकारी को अवगत कराया:--
1. निराश्रित पशुओं से फसलों को नुकसान: किसानों ने बताया कि आवारा पशु खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
इस पर जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि वे अभियान चलाकर और किसानों द्वारा सूचना दिए जाने पर कैटल कैचर के माध्यम से छुट्टा पशुओं को पकड़ें और उन्हें गो-आश्रय स्थलों में रखें। साथ ही, उनके भरण-पोषण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
2. जल भराव और जर्जर पुल: कुछ किसानों ने बताया कि माइनर (छोटी नहर) मिट्टी से पट गई हैं, जिससे खेतों में लगे पानी का निकास नहीं हो पा रहा है। इससे उन्हें अगली फसल की बुवाई में समस्या आ सकती है। डीएम ने संबंधित अधिकारियों को खेतों से समुचित पानी निकासी की व्यवस्था तुरंत करने का निर्देश दिया। साथ ही, जर्जर हो चुके नहरों/माइनरों के पुलों की जल्द से जल्द मरम्मत करने के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए गए।

सड़क सुरक्षा पर भी सख्ती
बैठक में यह भी मुद्दा उठा कि मुख्य सड़कों पर गिट्टी और बालू रखने से आवागमन प्रभावित होता है और दुर्घटना का खतरा बना रहता है। इस पर जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों (SDM) को सख्त निर्देश दिए कि वे अभियान चलाकर सड़कों पर अतिक्रमण करने वाले दुकानदारों और निर्माण सामग्री रखने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें।
इस बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व राजेश कुमार, डीसी मनरेगा, उप निदेशक कृषि, जिला कृषि अधिकारी, अधिशासी अभियंता विद्युत, चन्द्र प्रभा, बंधी डिवीजन, नलकूप एवं संबंधित एई-जेई सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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