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डूब गए जनता के 80 करोड़, नेता दोषी या अफसर...आज तक पता नहीं चला

अब इस पंप कैनाल से  न तो किसानों को पानी दिया जा सकता है और ना ही इस पूरे घोटाले में शामिल ठेकेदार या संस्थाओं के साथ-साथ अधिकारियों से पैसे की रिकवरी हो पाएगी। इस तरह से देखा जाए तो लगभग ₹80 करोड़ डूब गए हैं।
 

घटिया क्वालिटी की पाइप लाइन से प्लान चौपट

कमीशनखोरी के कारण बना खराब इस्टीमेट

अभी तक फिक्स नहीं हुयी किसी पर जिम्मेदारी

इस काम में किसी की दिलचस्पी नहीं..  

चंदौली जिले के नरवन इलाके में 7 साल पहले किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अदसड़ व चारी पंप कैनाल बनाने का काम शुरू कराया गया था, ताकि इसको बनाकर नरवन इलाके की सिंचाई की समस्या को दूर किया जा सके। लगभग 80 करोड़ की लागत वाली इस पंप कैनाल से लगभग 10 हजार  हेक्टेयर इलाके में सिंचाई के पानी की व्यवस्था हो जानी थी। मगर यह पंप कैनाल टेस्टिंग में ही फेल हो गई। लगातार नौ बार टेस्टिंग होने के बावजूद इस की पाइप लाइन फट जाया करती है। अब इसका आलम यह है कि अब यह पंप कैनाल ना तो चल पाएगी और ना ही इस पंप कैनाल को बनाने में लगे सरकार के ₹80 करोड़ की रिकवरी हो पाएगी, क्योंकि ना तो सरकार इसकी जांच कराना चाहती है और ना ही इस पंप कैनाल के जरिए सिंचाई के पानी को किसानों तक पहुंचाना चाहती है।

Lift Pump Canal Sacma

 आपको बता दें कि चंदौली जिले के नरवल इलाके में हर सीजन में सिंचाई की समस्या उत्पन्न होती है, जिससे लगभग 5000 से अधिक किसानों की खेती प्रभावित होती है। इसी समस्या को देखते हुए सैयदराजा के पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी के नेता मनोज सिंह डब्लू ने अपने प्रयास से साल 2016 में कर्मनाशा नदी पर चारी और अदसड़ में 50-50 क्यूसेक की उसकी क्षमता वाली दो लिफ्ट कैनाल परियोजनाओं का काम शुरू कराया था, जिससे कि उनके इलाके की सिंचाई की समस्या को दूर किया जा सके।

 इस दौरान 32.77 करोड रुपए की लागत से न्यू चारी लिफ्ट कैनाल और 37.80 करोड़ रुपए की लागत से न्यू अदसड़ लिफ्ट कैनाल परियोजना शुरू हुई। हालांकि इस परियोजना को मार्च 2018 तक पूरा कर लिया था, लेकिन देर से जब चालू हुई तो पहले इसकी जमीन के अंदर वाली पाइपों के फटने का सिलसिला शुरू हो गया। जब मरम्मत हुयी तो दूसरी जगह फट गयी। टेस्टिंग के दौरान ही यह परियोजना फेल होती नजर आयी। 

 अधिकारियों का कहना है कि अब तक इस पंप कैनाल के परीक्षण में 9 बार य फेल हो चुकी है, जिससे इस पंप कैनाल की घटिया गुणवत्ता का पता चलता है। इसकी फेल होने की रिपोर्ट भी बनाई गई और इसके कारणों की जांच कई बार लघु डाल के इंजीनियर कर चुके हैं, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया। अब इस पंप कैनाल से  न तो किसानों को पानी दिया जा सकता है और ना ही इस पूरे घोटाले में शामिल ठेकेदार या संस्थाओं के साथ-साथ अधिकारियों से पैसे की रिकवरी हो पाएगी। इस तरह से देखा जाए तो लगभग ₹80 करोड़ डूब गए हैं।

Lift Pump Canal Sacma

 इस बारे में सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने इन दोनों पंप चैनलों को चालू कराने के लिए भी प्रयास किया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। अब शासन में जांच कराने के नाम पर इस फाइल को दबा दिया गया है और इसके लिए कोई पहल भी नहीं करने वाला है। वहीं लघु डाल के अधिशासी अभियंता बृजेश कुमार का कहना है कि दोनों पंप कैनाल ओं को चालू कराने में सफलता नहीं मिली है। अब इसकी जांच शासन के हवाले हैं। वहीं से कोई फैसला आएगा तो इस पर काम किया जा सकता है, नहीं तो इसका कोई इलाज नहीं है।

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