छात्रा ने कॉलेज प्रोफेसर पर लगाया छेड़खानी का आरोप, परीक्षा के दौरान कालेज परिसर में जमकर काटा हंगामा

छात्रा ने परीक्षा प्रभारी पर लगाए गंभीर आरोप
असाइनमेंट के बहाने कमरे में बुलाने का आरोप
कॉलेज परिसर में छात्रों का विरोध प्रदर्शन
सीओ ने निष्पक्ष जांच का दिया आश्वासन
चंदौली जिले के सकलडीहा में मंगलवार को सकलडीहा पीजी कॉलेज में छात्र नेताओं सहित सैकड़ो छात्रों ने छात्रा के साथ छेड़खानी के मामले को लेकर जमकर बवाल काटा। वहीं परीक्षा दे रहे परीक्षार्थियों को इस दौरान काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
आपको बता दें कि प्राप्त जानकारी के अनुसार रंजविता (काल्पनिक नाम) ने पीजी कॉलेज में तैनात परीक्षा प्रभारी के ऊपर गंभीर आरोप लगाया है वही मामले की जानकारी पीड़िता ने अपने घर वालों सहित छात्र नेताओं को बताया जिस पर कुछ ही देर में विद्यालय परिसर में सैकड़ो की संख्या में छात्र नेता सहित छात्रों द्वारा जमकर बवाल काटा गया। मामले की जानकारी पर प्राचार्य सहित शिक्षकों ने प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं को समझाने का प्रयास किया। जिस पर उग्र होते हुए छात्रों ने कालेज प्रशासन के ऊपर छात्रा के साथ हुई छेड़खानी में लीपापोती का आरोप लगाया।

इस दौरान छात्रों और कॉलेज प्रशासन के बीच झड़प देखने को मिली भनक लगते हैं कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंचकर बीच बचाव करने लगी। छात्रों का आरोप है कि असाइनमेंट( प्रोजेक्ट रिपोर्ट) के बहाने प्रोफेसर ने अपने कमरे में बुलाकर गलत कमेंट करने लगा जिसका विरोध करने पर प्रोफेसर ने पैसा देने तथा बाहर घूमने फिराने की बात कही। वहीं छात्रा रोते हुए बाहर निकलकर अपनी आपबीती छात्र नेताओं संग परिवार को बताया घटना की जानकारी होने पर छात्र नेताओं ने कॉलेज में चल रहे परीक्षा के दौरान ही जमकर बवाल काटा।

जबकि कालेज प्रशासन ने बताया कि छात्रा द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है जबकि जो लोग छात्र के साथ मिलकर विद्यालय के ऊपर आरोप लगा रहे हैं उनपर तीन दिन पहले कॉलेज द्वारा परीक्षा संचालन में व्यवधान उत्पन्न करने एवं चुनाव को लेकर बवाल काटने को लेकर कॉलेज प्रशासन ने स्थानीय कोतवाली में तहरीर देकर मामले में कार्रवाई करने को लेकर अवगत कराया था।
वही छात्रों के ऊपर हुए मुकदमे के रिएक्शन में छात्र नेताओं द्वारा छात्रा के साथ मिलकर साजिश करते हुए इस तरह की हरकत की गई है जो पूरी तरह से बेबुनियाद है। वहीं छात्र नेताओं ने कालेज प्रोफेसर के ऊपर कारवाई करने एवं निलंबन की मांग करते हुए सीओ कार्यालय पहुंचे। वहीं सीओ ने मामले में निष्पक्ष कार्रवाई करने का आश्वासन देते हुए छात्र-छात्राओं को शांत कराया।
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