जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

स्वास्थ्य निरीक्षकों से अफसरों ने छीन लिए हैं सारे अधिकार, नहीं करने देते हैं खाने-पीने के स्टालों की चेकिंग

इस मंडल में अधिकारियों के तानाशाही का एक मामला और संज्ञान में आया है। पूर्व मध्य रेल मंडल में कुल 31 स्वास्थ्य निरीक्षक हैं, जिसमें पांच वरिष्ठ मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक हैं।
 

DDU मंडल में नियमों की उड़ रही हैं धज्जियां

CHI को बनाया गया है सफाईकर्मियों का मेठ

नहीं करने दिए जाते हैं खान-पान की चेकिंग वाला मूल काम

डीडीयू मंडल में एक और खेल का नायाब नमूना

चंदौली जनपद के मुगलसराय स्थित पूर्व मध्य रेल मंडल में स्वास्थ्य निरीक्षकों को रेलवे बोर्ड के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अधिकारी अपने हिसाब से बनाए गए नियम के आधार पर काम करने की जिम्मेदारी सौंप रहे हैं। उनसे वे काम कराए जा रहे हैं, जिसके लिए उनकी भर्ती ही नहीं की गई है। उसका दायित्व न सौंप कर सफाई कर्मियों के मेठ के रूप में कार्य कराया जा रहा हैं। जबकि हाजीपुर जोन के सोनपुर सहित अन्य मंडलो में इन्हीं स्वास्थ्य निरीक्षकों को रेलवे बोर्ड के अनुरूप जन स्वास्थ्य को देखते हुए खाद्य सामग्रियों की जांच के लिए नियुक्त किए गए स्वास्थ्य निरीक्षकों से पानी की शुद्धता एवं खाद्य सामग्री की शुद्धता की जांच का कार्य कराया जा रहा है।

आपको बता दें कि चंदौली जनपद के डीडीयू नगर स्थित पूर्व मध्य रेल मंडल में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर जहां सीबीआई ने बड़ी कार्यवाही करते हुए अधिकारियों सहित कुल 26 लोगों को जेल भेजते हुए जांच की कार्यवाही में जुटी हुई है।

वहीं इस मंडल में अधिकारियों के तानाशाही का एक मामला और संज्ञान में आया है। पूर्व मध्य रेल मंडल में कुल 31 स्वास्थ्य निरीक्षक हैं, जिसमें पांच वरिष्ठ मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक हैं। पूरे मंडल में इनको कार्य क्षेत्र वितरित किया गया है। लेकिन इसे केवल प्लेटफॉर्म एवं कॉलोनी आदि के साफ सफाई के लिए टेंडर के द्वारा कराये जार  रहे सफाई कर्मियों के कार्यों की मॉनिटरिंग मेठ के रूप में कराया जा रहा है।

सूत्रों की माने तो मंडल के रेलवे अधिकारियों की तानाशाही की देन है कि रेलवे बोर्ड ने इन्हें ट्रेनों में आने जाने वाले यात्रियों की स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता तथा पीने वाले पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए नियुक्त किया है। लेकिन इसे इनका मूल कार्य न लेकर केवल टेंडर के माध्यम से साफ सफाई करने वाले कर्मियों के मेठ के रूप में इनसे कार्य लिया जा रहा है।

हाजीपुर जोन के सोनपुर मंडल में स्वास्थ्य निरीक्षकों से क्षेत्र बांट कर उनसे पीने के पानी एवं खाद्य सामग्रियों के नमूने की जांच आदि का कार्य कराया जाता है। यही नहीं प्रयागराज मंडल में भी स्वास्थ्य निरीक्षकों से उनके मूल्य कार्य कराए जाते हैं, लेकिन पूर्व मध्य रेल मंडल में अधिकारियों की इस तरह की तानाशाही पहले से ही चलती आ रही है, जिसका परिणाम है कि स्वास्थ्य निरीक्षक अपनी शिक्षा एवं पद के अनुरूप कार्य नहीं करते हैं। उनसे प्लेटफॉर्म आदि का सफाई करने वाले प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों का ठेकेदार बना कर केवल मेठ के रूप में कार्य कराया जा रहा है।

आपको बता दें कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से लगभग प्रतिदिन 25000 यात्रियों का आवागमन होता है। यात्रियों के उत्तम खान के लिए यहां आठ प्लेटफार्म पर दो रेस्टोरेंट जन आहार सहित लगभग 50 खानपान के स्टॉल हैं।  लेकिन यात्रियों के खान खान-पान की गुणवत्ता जांचने का कार्य जिससे कराया जाना चाहिए, उनको उससे दूर रखा जा रहा है। आखिर क्या कारण हैं कि स्वास्थ्य निरीक्षकों को उनके मूल कार्य से दूर रखा गया है। इसकी भी जांच रेलवे बोर्ड एवं सीबीआई को करनी चाहिए।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*