विनियमितीकरण में अनियमितता लिपिक निलंबित, DIOS कार्यालय में हड़कंप

शिक्षक विनियमितीकरण में अनियमितता का मामला उजागर
लिपिक अशोक सिंह को शासन ने किया निलंबित
जांच के सात साल बाद हुई कार्रवाई
चंदौली जनपद के माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के लिए विनियमितीकरण में अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है। शासन ने इस आरोप में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात लिपिक अशोक सिंह को शनिवार को निलंबित कर दिया है। वहीं लिपिक अशोक सिंह ने निलंबन की कार्रवाई को गलत ठहराया है और कहा है कि जो कुछ किया गया है, वो कोर्ट के आदेश पर किया है, लेकिन विभाग ने कार्रवाई की गयी है।

आपको बता दें कि जांच के सात साल बाद यह कार्रवाई हुई है। शिकायत के बाद तत्कालीन डीआईओएस व निलंबित लिपिक के विरुद्ध जांच चल रही थी। तत्कालीन डीआईओएस रवींद्र सिंह दोषमुक्त पाए गए। आरोप रहा कि डीआईओएस व लिपिक ने मिलीभगत कर विनियमितीकरण की कार्यवाही की और शिक्षक को लाभ पहुंचाया। शासन की कार्रवाई के बाद डीआईओएस कार्यालय के बाबुओं में खलबली मची है।
बताते चलें कि बबुरी स्थित अशोक इंटर कालेज में नियुक्त शिक्षक हृदयनारायण सिंह का शैक्षणिक वर्ष 2018-19 में विनियमितीकरण किया गया था। तत्कालीन प्रबंधक, डीआईओएस व लिपिक ने शासनादेश का अनुपालन नहीं किया था। इसी मामले में यह कार्रवाई की गयी है।
स्कूलों के बावू चला रहे हैं DIOS कार्यालय
जिला विद्यालय निरीक्षक का कार्यालय अधिकांश बाहरी बाबुओं के सहारे चल रहा है। राजकीय व सहायता प्राप्त स्कूलों में नियुक्त पांच-छह लिपिक को कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। यहां के बाबू दो-तीन साल पूर्व ही सेवानिवृत्त हो गए। कार्यालयीय कार्य में अड़चन न हो, इसलिए काम लिया जा रहा।
परीक्षा विभाग की जिम्मेदारी किस लिपिक
निलंबित लिपिक के पास यूपी बोर्ड की परीक्षा की जिम्मेदारी थी। यह विभाग मौजूदा समय में महत्वपूर्ण माना जा रहा। लिपिक अशोक सिंह के निलंबन के बाद इस विभाग को लेने से अन्य बाबू कतरा रहे हैं। इसे लेकर विभाग की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि अगले माह से परीक्षा प्रस्तावित है।
इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक दल सिंगार यादव ने बताया कि शासन के निर्देश पर लिपिक अशोक सिंह को निलंबित कर दिया गया है। जेडी स्तर से यह कार्रवाई हुई है। इस अवधि में वह डीआईओएस कार्यालय से संबद्ध रहेंगे।
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