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चंद्रकांता इको टूरिज्म का प्रमोशन करेंगे मुख्यमंत्री, जानिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने क्या कहा

 


चंदौली जिले में पर्यटन की अपार संभावनाओं वाले जनपद में जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों चंद्रकांता ईको टूरिज्म की शुरुआत होने वाली है। वन विभाग के द्वारा पूरे प्रदेश में ईको टूरिज्म पॉलिसी के तहत टूरिज्म एजेंसीयों के साथ मिलकर वन क्षेत्र में मौजूद रमणीक स्थलों पर पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जाएगा। 

 नौगढ़ के  राजदरी जलप्रपात स्थित सभागार में आयोजित इको पर्यटन विकास संगोष्ठी का दीप प्रज्वलन के साथ  शुभारंभ करने के बाद  प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) पवन कुमार शर्मा ने वन संपदा से भरपूर इस इलाके में एक बेहतरीन माहौल और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए की मंशा जाहिर करते हुए कहा कि ईको टूरिज्म पॉलिसी के तहत  संभावित क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के सहयोग से बिना प्रकृति को नुकसान पहुंचाए पर्यटकों को लुभाने योग्य सुविधाओं को जोड़ा जाएगा।


 इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। कहा कि  चंद्रप्रभा वन्य जीव अभ्यारण को ईको टूरिज्म के लिए विकसित करने की योजना वन विभाग द्वारा बनाई जा रही है।  ईको टूरिज्म के लिए जिन बिदुंओं का मापदंड बनाया गया है, उनमें दर्शनीय स्थल वन के अंदर या नजदीक हो, स्थल के पास वाटर बॉडीज हो, स्थल का ऐतिहासिक व पुरातत्विक महत्व हो। जनपद के कई पर्यटन स्थलों में ईको टूरिज्म के यह मापदंड पूरे करने की क्षमता है।


 अधिकारियों और टूरिज्म प्रतिनिधियों के साथ बैठक में मंथन के बाद मुख्य वन संरक्षक पवन कुमार शर्मा ने कहा कि ईको टूरिज्म के तहत चिन्हित स्थलों पर नेचर कैंप की व्यवस्था की जाएगी। पर्यटक यहां आने के बाद  प्राकृतिक सौंदयर्ता को निहार सके, इसके साथ ही इन्हें इन स्थानों पर रात्रि विश्राम करने का अनूठा अनुभव उपलब्ध हो सके। इसके साथ ही पर्यटक स्थलों के पास मौजूद वाटर बाडीज में बोटिंग की व्यवस्था कराएंगे । 

Chandrakanta Eco Tourism

मनोरंजन के लिए एडवेंचर खेलों को शामिल किया जाएगा। जिसमें रॉक क्लांइबिंग, पैरासैलिंग, नौकायन, राफ्टिंग आदि शामिल किया जाएगा। ईको टूरिज्म में वन निगम के द्वारा  जड़ी बूटी केंद्र को शामिल किया गया है। जनपद सोनभद्र और मिर्जापुर और चंदौली के जंगलों में विभिन्न प्रकार की दुर्लभ जड़ी बूटियां उपलब्ध है। इनको पैक करके पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। 

इस सम्बन्ध में संचालन कर रहे  डीएफओ रामनगर दिनेश सिंह ने बताया कि चंदौली जनपद में ईको टूरिज्म पॉलिसी को पूरा करने की सभी संभावनाएं हैं। जनपद के लतीफ शाह चंद्रप्रभा वन्य जीव विहार, कोईलरवा हनुमान जी, छानपातरदरी, औरवाटाडं जलप्रपात समेत तमाम ऐसे क्षेत्र हैँ, जहां पर ईको टूरिज्म को विकसित किया जा सकता है।


 ईको टूरिज्म को धरातल पर लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, जल्द ही इस योजना को मूर्त रुप दिया जाएगा। प्रधान मुख्य वन संरक्षक समेत अन्य अधिकारियों को काशी वन्यजीव प्रभाग की ओर से चंदन और रुद्राक्ष का पौधा भी भेंट किया गया। 

संगोष्ठी में प्रमुख रूप से मुख्य वन संरक्षक पश्चिमी क्षेत्र कानपुर डॉक्टर एस एन मिश्र, मुख्य वन संरक्षक प्रयागराज एन रविंद्रन, मुख्य वन संरक्षक मिर्जापुर रमेश चंद्र झा, वन निगम के जनरल मैनेजर एपी सिंहा, संयुक्त निदेशक पर्यटन वाराणसी अविनाश मिश्रा के अलावा डीएफओ वाराणसी महावीर कौजलगी, डीएफओ कैमूर आशुतोष जायसवाल, डीएफओ सोनभद्र संजीव सिंह, उप प्रभागीय वनाधिकारी धर्मेंद्र सिंह के अलावा अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

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