CM योगी के दौरे के बाद तेज हुयी चंदौली में इंटीग्रेटेड कार्यालय भवन निर्माण की तैयारी, देखिए कब शुरू हो पाता है काम
15 एकड़ में बनेगा चंदौली का इंटीग्रेटेड विकास भवन
चार दर्जन से अधिक विभागों के कार्यालय एक ही परिसर में होंगे शामिल
28 वर्षों से विकास भवन के इंतजार में है चंदौली जिला
उत्तर प्रदेश के आकांक्षी जिलों में शामिल चंदौली में अब प्रशासनिक सुविधाओं को एकीकृत और सुव्यवस्थित करने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है। जिला प्रशासन ने विकास भवन सहित करीब चार दर्जन विभागों के लिए स्थायी कार्यालय और आवासीय परिसरों के निर्माण की कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत करीब 15 एकड़ भूमि में मल्टीस्टोरी इंटीग्रेटेड भवन का निर्माण प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में जमीन की तलाश शीघ्र पूरी करने के निर्देश के बाद प्रशासन सक्रिय हो गया है और भूमि की खोज तेज़ी से की जा रही है।
28 साल में नहीं बना खुद का विकास भवन
गौरतलब है कि वाराणसी से अलग होकर चंदौली वर्ष 1997 में स्वतंत्र जिला घोषित किया गया था। लेकिन लगभग 28 वर्षों का लंबा वक्त गुजरने के बावजूद आज भी यहां का विकास भवन किराए के भवन में संचालित हो रहा है। न केवल विकास भवन, बल्कि समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण, अल्पसंख्यक, प्रोबेशन, उद्योग जैसे चार दर्जन से अधिक कार्यालय किराए पर लिए गए भवनों में चल रहे हैं। यह स्थिति न केवल अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए असुविधाजनक है, बल्कि आमजन को भी इधर-उधर भटकने के लिए मजबूर करती है।
किराए के भवनों में चल रहे हैं प्रमुख कार्यालय
जिले के डीएम, सीडीओ, एडीएम जैसे वरिष्ठ अधिकारी अभी पॉलिटेक्निक, डिग्री कॉलेज या सिंचाई विभाग के भवनों में कार्य कर रहे हैं। कुछ अधिकारी तो अभी भी वाराणसी से ही अपडाउन कर रहे हैं क्योंकि जिले में पर्याप्त सरकारी आवास उपलब्ध नहीं हैं। इससे प्रशासनिक कामकाज में भी बाधा आती है और जिले के समग्र विकास में रुकावट पैदा होती है।
अब एक छत के नीचे आएंगे सभी विभाग
इस समस्याजनक स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने अब सभी विभागों को एक ही छत के नीचे लाने की दिशा में गंभीर कदम उठाया है। प्रस्तावित योजना के तहत चंदौली शहर से लगभग तीन से चार किलोमीटर की परिधि में 15 एकड़ जमीन पर इंटीग्रेटेड कार्यालय भवन तैयार किया जाएगा। इसमें अत्याधुनिक कार्यालय, आवासीय परिसर, सभागार, पार्किंग, खेलकूद मैदान, और गेस्ट हाउस जैसी सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
400 करोड़ की कार्य योजना तैयार
प्रशासन की ओर से प्रस्तावित इस निर्माण कार्य के लिए 400 करोड़ रुपये से अधिक की कार्य योजना तैयार की गई है। सभी संबंधित विभागों से कार्यालयों और कर्मचारियों के लिए आवश्यक आवास की जानकारी मंगवाई गई है। लगभग 50 विभागों ने कार्यालय एवं आवास से संबंधित विवरण उपलब्ध करा दिए हैं। इससे स्पष्ट है कि प्रशासन की मंशा गंभीर है और अब बात कागज़ों से निकलकर ज़मीन पर उतरने को तैयार है।
मुख्यमंत्री ने दिए जमीन तलाशने के निर्देश
बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में चंदौली सहित अन्य जिलों के विकास भवन निर्माण की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि सभी कार्यालयों को एकीकृत भवन में स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक भूमि का चयन शीघ्र पूरा किया जाए। इस दिशा में जिला प्रशासन ने तत्परता से काम शुरू कर दिया है और भूमि चिन्हांकन की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जा रही है।
इंटीग्रेटेड भवन से मिलेंगी कई सुविधाएं
इस प्रस्तावित भवन के निर्माण से न सिर्फ प्रशासनिक कार्यों में सुधार होगा, बल्कि दूरदराज़ से आने वाले लोगों को भी बड़ी राहत मिलेगी। एक ही स्थान पर सभी कार्यालय होने से नागरिकों को अलग-अलग भवनों में चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वहीं अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी एक सुरक्षित और सुविधाजनक कार्य वातावरण तैयार किया जा सकेगा।
लोगों की वर्षों पुरानी मांग होगी पूरी
चंदौली के लोग वर्षों से इस मुद्दे को लेकर आवाज उठाते रहे हैं। लगातार उठती मांगों के बावजूद अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया था। लेकिन अब ऐसा लगता है कि प्रशासन और शासन दोनों इस दिशा में गंभीरता दिखा रहे हैं। अगर प्रस्तावित योजना समय पर धरातल पर उतरती है, तो यह चंदौली के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
जिलाधिकारी ने दी जानकारी
चंदौली के जिलाधिकारी चंद्रमोहन गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में विकास भवन सहित सभी जिला स्तरीय कार्यालयों और आवासों को एकीकृत करने की योजना बनाकर काम शुरू कर दिया गया है। सभी विभागों से आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा चुकी है। भूमि की तलाश तेजी से की जा रही है और जल्द ही प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा ताकि निर्माण कार्य जल्द प्रारंभ हो सके।
इस निर्माण कार्य से चंदौली जिले को न केवल एक व्यवस्थित प्रशासनिक ढांचा मिलेगा, बल्कि जिले के संपूर्ण विकास को भी नई रफ्तार मिलेगी। अब देखना यह है कि जमीन की तलाश कितनी जल्दी पूरी होती है और निर्माण कार्य कब से शुरू होता है। यदि सब कुछ योजनानुसार चलता रहा, तो चंदौली जल्द ही प्रशासनिक सुदृढ़ता का एक बेहतरीन उदाहरण बन सकता है।
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