CMO ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का किया निरीक्षण, कमियां मिलने पर लगाई फटकार, लापता कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस
आयुष डॉक्टर सहित कुछ स्टाफ रहे उपस्थित
अनुपस्थित रहने वाले डॉक्टरों की सीएमओ के निरीक्षण में खुली पोल
जानिए किसके खिलाफ हुआ किस तरह का एक्शन
चंदौली जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा किए गए औचक निरीक्षण से यह स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य विभाग में लापरवाही और कर्मचारियों की गैरहाजिरी एक गंभीर समस्या है। निरीक्षण के दौरान आयुष स्टाफ को छोड़कर बाकी अधिकांश स्टाफ अनुपस्थित पाए गए, जिसके कारण विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। यह कदम स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सबसे पहले ज़रूरी है कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर नियमित रूप से निरीक्षण हो। इससे कर्मचारियों में जवाबदेही की भावना बढ़ेगी और अनियमितताओं पर अंकुश लगेगा। दूसरा, कर्मचारियों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की जानी चाहिए। इससे ग़ैरहाज़िरी की सटीक निगरानी संभव हो सकेगी। तीसरा, ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी को दूर करने के लिए अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति, दवाइयों की उपलब्धता, और ज़रूरी उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके अलावा, स्वास्थ्य कर्मचारियों को समय-समय पर प्रशिक्षण देना भी आवश्यक है जिससे वे नई तकनीकों और इलाज के तरीकों से अवगत रह सकें।

जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए, ताकि वे अपने अधिकारों को समझें और लापरवाह व्यवस्था के खिलाफ आवाज़ उठा सकें। अंततः, ज़िला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के बीच बेहतर तालमेल और जवाबदेही से ही स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार संभव है।


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