जिले के डिप्टी एसपी के बेटे का नेवी मर्चेंट में हुआ सलेक्शन, लोग दे रहे हैं बधाई

जय ने पिता के नाम को किया रोशन
जैसा नाम वैसे काम में लगा रहा मृत्युंजय
जल्द ही एलाट होगा देश के टॉप कैंपस में से एक कैंपस
चंदौली जिले में डिप्टी एसपी के पद पर तैनात अनिरुद्ध सिंह के बड़े बेटे जय का नेवी मर्चेंट में सलेक्शन होने पर लोगों ने पिता को बधाई दी, तो पिता ने बताया कि बधाई की सच्ची हकदार उसकी मां हैं। जिसके कारण बेटे ने कम उम्र में ही ये मुकाम प्राप्त किया है।
कहा जाता है कि यहां एक कहावत चरितार्थ हो रही है कि बाढ़े पूत पिता के धर्मे, खेती उपजे अपने कर्मे। इस बहुत ही पुरानी कहावत का आशय यह है कि आपके अच्छे कर्म, अच्छे धर्म से आपके पुत्र की धन संपदा, वैभव, दूध-पूत की बृद्धि होती है। वहीं आपके गलत कार्यों से इन सबकी हानि होती है। जबकि खेती में अच्छी उपज अपने मेहनत के दम पर होती है।

चंदौली जिले में तैनात डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह चंदौली जनपद में उप निरीक्षक से लेकर क्षेत्र अधिकारी तक का सफर है । इनके कार्यों को देखे तो वह हमेशा सराहनीय रहा हैं । उसे चरितार्थ करते हुए उनके बड़े पुत्र जय उर्फ मृत्युंजय की सफलता को देखा जा रहा है। जिसमें जय अपनी मां के प्रयास वह अपने कर्म के आधार पर 4868वीं रैंक पर नेवी मर्चेंट में सेलेक्ट होने के बाद पिता के नाम को रोशन करने की एक कड़ी को आगे बढ़ाता दिख रहा है।
जय वाराणसी के डीपीएस पब्लिक स्कूल से हाई स्कूल की शिक्षा पास की और इंटरमीडिएट ज्ञानदीप पब्लिक स्कूल से करने के बाद उसका सलेक्शन नेवी मर्चेंट में हुआ है। जिसमें अच्छी रैंक होने के कारण उसे भारत के टॉप के तीन कैंप्स मिलना तय है। जिसके लिए आईएमयू चेन्नई कैंप, आईएमयू कोलकाता कैंप या आईएमयू मुंबई पोर्ट प्राप्त कर सकता है। इसकी इसके रिजल्ट आने के बाद पिता व परिवार के लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा और सभी लोग बधाई देते रहे।
वहीं पुत्र के सबसे कम उम्र में तथा पहले अटेम्प्ट में यह सफलता प्राप्त होने पर लोगों ने खुशी का इजहार किया। तो इस संबंध में इस डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि बेटे की इस सफलता का राज उसकी मां है। क्योंकि पुलिस की नौकरी में हमें बेटे को देखने का मौका नहीं मिलता है और पढ़ाई की सारी जिम्मेदारी मां द्वारा उठाई गई । बेटे की इस कड़ी मेहनत के कारण मुकाम को प्राप्त किया है।
मेरा यह बेटा हमेशा मेरे लिए लकी रहा है। जब इसका जन्म हुआ तो उसे समय मैं जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था। एक पुलिस एनकाउंटर में अपराधी की बुलेट मेरे पेट से पार हो गई थी। किंतु बदमाशों को मैंने मार गिराया था। जब मैं हॉस्पिटल में था तब जय का जन्म हुआ था। इसीलिए परिजनों मे मेरे बड़े भाई ने इसका नाम मृत्युंजय रखा ।
सीओ अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मेरा बेटा मृत्युंजय मेरे लिए हमेशा ही गौरवपूर्ण रहा है और आगे भी रहेगा।
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