3.19 लाख घरों तक पहुंचेंगे स्वास्थ्यकर्मी, एक जुलाई से चलेगा संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान

बरसात में बढ़े संचारी रोगों का खतरा, मलेरिया, डेंगू
फाइलेरिया और कालाजार पर खास फोकस
दो चरणों में चलेगा संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान
जिला प्रशासन सतर्क
चंदौली जिले में बरसात का मौसम शुरू होते ही संचारी रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। मच्छरों के पनपने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरिया जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ सकता है। इन रोगों की रोकथाम के लिए जिले में एक जुलाई से एक माह तक संचारी रोग नियंत्रण और दस्तक अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान स्वास्थ्यकर्मी 3.19 लाख घरों तक पहुंचेंगे और लोगों की बीमारियों की पहचान करेंगे। चिह्नित मरीजों का नजदीकी सरकारी अस्पताल में उपचार कराया जाएगा।

दो चरणों में होगा अभियान
अभियान दो चरणों में चलेगा। पहले पखवाड़े में संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दूसरे पखवाड़े में दस्तक अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान संक्रमित क्षेत्रों की पहचान कर वहां विशेष निगरानी रखी जाएगी। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. पीके शुक्ल और एडीएमओ राजीव सिंह ने बताया कि इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। मलेरिया विभाग की 1901 टीमें गांवों में जाकर वेक्टर घनत्व की जांच करेंगी।

जांच और इलाज की व्यवस्था
16 जुलाई से दस्तक अभियान के तहत स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर मलेरिया, डेंगू, टीवी, कालाजार, फाइलेरिया जैसी बीमारियों की जांच करेंगे। संभावित मरीजों के ब्लड सैंपल लिए जाएंगे और रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर तुरंत अस्पताल में इलाज शुरू कराया जाएगा। जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी में संभावित मरीजों की जांच की व्यवस्था रहेगी।
कई विभागों की होगी भागीदारी
अभियान में बाल विकास सेवा और पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस), शिक्षा विभाग, पंचायती राज, नगर निकाय, पशुपालन, कृषि, महिला कल्याण और दिव्यांग कल्याण विभागों की भी भागीदारी होगी। सभी विभाग मिलकर प्रचार-प्रसार, सफाई, मच्छरों के प्रजनन स्थलों का नाश, फागिंग और कीटनाशक छिड़काव कराएंगे।
डायरिया रोकथाम की तैयारी
डायरिया से निपटने के लिए भी खास तैयारी की जा रही है। आशा और आंगनबाड़ी केंद्रों को ओआरएस और जिंक का डिपो बनाया जाएगा। वहां से ग्रामीणों में वितरण किया जाएगा ताकि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरिया के मामलों को शून्य किया जा सके।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वाईके राय ने बताया कि सभी आवश्यक दवाएं अस्पतालों में उपलब्ध करा दी गई हैं। उन्होंने कहा कि संचारी रोगों की रोकथाम के लिए सभी विभागों और लोगों की भागीदारी जरूरी है। केवल संयुक्त प्रयास से ही अभियान को सफल बनाया जा सकेगा और लोगों को घातक बीमारियों से सुरक्षित रखा जा सकेगा।
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