विद्यालयों के विलय के निर्णय के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का जोरदार प्रदर्शन

विद्यालय विलय के विरोध में कांग्रेस का प्रदर्शन
डीएम कार्यालय का घेराव कर सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विलय का विरोध जारी
चंदौली प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के विलय के निर्णय के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेसियों ने इस फैसले को गरीब, ग्रामीण और पिछड़े वर्ग के बच्चों के खिलाफ साजिश करार देते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष अरुण द्विवेदी ने किया। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम शिक्षा के अधिकार को कमजोर करने वाला है। नेताओं ने कहा कि एक ओर सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' की बात करती है, वहीं दूसरी ओर गांवों के स्कूलों को बंद कर गरीब बच्चों की शिक्षा तक पहुंच को और कठिन बना रही है।
कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि विद्यालयों के विलय से न केवल बच्चों को दूरस्थ स्कूलों में जाने की मजबूरी होगी, बल्कि मिड-डे मील जैसी योजनाओं में कार्यरत ग्रामीण महिलाएं भी बेरोजगार हो जाएंगी।

प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि सरकार इस जनविरोधी निर्णय को तुरंत वापस ले और ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर आंदोलन को और तेज करेगी।
कांग्रेस ने इस मुद्दे को गरीबों और बेरोजगारों से जुड़ा बताते हुए इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला करार दिया। प्रदर्शन में वरिष्ठ कांग्रेस नेता देवेंद्र सिंह मुन्ना, नगर अध्यक्ष बृजेश गुप्ता, मधु राय, मानवेंद्र मूर्ति ओझा, राजेश सिंह सहित कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
इस विरोध प्रदर्शन ने जिले में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को लेकर चिंता की लहर दौड़ गई है। कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि वह इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी और जरूरत पड़ी तो प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ा जाएगा।
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