बिहार पुलिस के लिए ‘कमांडो सिपाही’ तैयार करेगा CRPF ग्रुप सेंटर, चंदौली में शुरू होगी 44 हफ्तों की स्पेशल ट्रेनिंग
21 जुलाई से चंदौली में शुरू होगी 44 सप्ताह की स्पेशल ट्रेनिंग
CRPF और बिहार सरकार के बीच बनी ट्रेनिंग की सहमति
800 नवचयनित सिपाही बनेंगे आधुनिक और अनुशासित कमांडो
चंदौली जिले में बिहार पुलिस को मिलने जा रहे हैं अब खास ट्रेनिंग से लैस 'कमांडो सिपाही'। इसके लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और बिहार सरकार के बीच विशेष समझौता हुआ है। इस योजना के तहत 800 नवचयनित सिपाहियों को सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर चकिया (चंदौली) में 44 सप्ताह की विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। यह प्रशिक्षण 21 जुलाई से शुरू होगा।
आधुनिक हथियारों और रणनीतियों का दिया जाएगा प्रशिक्षण
इस विशेष प्रशिक्षण में युवाओं को पुलिस के पारंपरिक पाठ्यक्रम के साथ ही आधुनिक युद्ध कौशल, आतंकवाद रोधी अभियानों, जंगल वारफेयर, भीड़ नियंत्रण, वीआईपी सुरक्षा और आपदा प्रबंधन जैसे विषयों में दक्ष किया जाएगा। उन्हें इंसास, एके-47, कार्बाइन जैसे अत्याधुनिक हथियारों का संचालन भी सिखाया जाएगा।
मानसिक और शारीरिक रूप से होंगे सशक्त
सीआरपीएफ अधिकारी आरके सिंह ने बताया कि यह ट्रेनिंग युवाओं को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाएगी। तनाव प्रबंधन, आत्मनियंत्रण, त्वरित निर्णय लेने की क्षमता और अनुशासन की भावना को विकसित करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
पुलिस और सीआरपीएफ कार्यप्रणाली में तालमेल
चूंकि ये सभी जवान बिहार पुलिस में नियुक्त होंगे, इसलिए उन्हें राज्य पुलिस की कार्यशैली, कानून व्यवस्था बनाए रखने, अपराध रोकने और अभियुक्तों की गिरफ्तारी जैसी जिम्मेदारियों से भी परिचित कराया जाएगा। इसके साथ ही वे पैरामिलिट्री बलों की कार्यप्रणाली और रणनीतिक सोच को भी आत्मसात करेंगे।
आतंकवाद और संगठित अपराध से निपटने में मदद
यह विशेष रूप से प्रशिक्षित बल बिहार पुलिस की स्पेशल यूनिट के रूप में काम करेगा, जो आतंकवाद, नक्सलवाद और संगठित अपराध जैसी चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम होगा।
कैम्फस में सभी सुविधाएं, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
चकिया स्थित सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर में प्रशिक्षण के दौरान रहने, भोजन, स्वास्थ्य सेवाएं और प्रशिक्षण संसाधनों की पूरी व्यवस्था की गई है। प्रशिक्षकों में अनुभवी सीआरपीएफ अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हैं।
सीआरपीएफ डीआईजी का बयान
सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर के डीआईजी आरके सिंह ने बताया, हम इन युवाओं को केवल सिपाही नहीं बल्कि बहुआयामी सुरक्षा बल का हिस्सा बना रहे हैं, जो भविष्य में देश और राज्य की आंतरिक सुरक्षा की रीढ़ बनेंगे।
इस प्रकार यह कदम न केवल बिहार पुलिस को मजबूत बनाएगा, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र को भी और अधिक सक्षम और आधुनिक बनाएगा।
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