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नौगढ़ में बेइमान CSP संचालकों पर कौन करेगा कार्रवाई, चल रहा है अंगूठा लगवाओ.. पैसा गवाओं का खेल

महिला ने मझगांवां पुलिस चौकी और SBI शाखा तिवारीपुर में शिकायत दी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं। न FIR, न संचालक की तलाश। गरीब विधवा आज भी दर-दर भटक रही है।
 

नौगढ़ के स्टेट बैंक तिवारीपुर के CSP संचालक का कारनामा

विधवा से 30 हजार हड़प कर हो गया फरार

एक  किसान से 1लाख रुपए की कर लिया है ठगी

कोई नहीं सुन रहा है पीड़ितों की फरियाद 

डिजिटल इंडिया का सच जानेंगे तो आपका इस सिस्टम से भरोसा उठने लगेगा। गरीबों और बेबस लोगों से अंगूठा लगवाकर पैसा निकाल लिया तो जाता है, लेकिन खातेदार को नहीं दिया जाता है। जन धन का सपना दिखाकर  गरीब की कमाई हड़पने का खेल नौगढ़ इलाके में चल रहा है। सरकार की योजनाएं लोगों की मदद के लिए नहीं लूटने का भी जरिया बन रही है। जब सीएसपी (CSP) सेंटर पर बैठे लुटेरे लोगों को लूट रहे हैं तो वहीं सिस्टम की चुप्पी उनका हौसला बढ़ा रही है।

 

चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील में ग्राहक सेवा केंद्र (CSP) की मनमानी और बैंकिंग सिस्टम की चुप्पी ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। चकरघट्टा थाना क्षेत्र के परसहवां गांव की विधवा गायत्री देवी, पति स्व. बिजेंद्र चेरो, 4 अप्रैल को SBI CSP तिवारीपुर पहुंची थीं, ₹30,000  निकालने के लिए। संचालक राकेश कुमार ने अंगूठा लगवाया और कहा — “सर्वर डाउन है, कल आइए।” अगले दिन जब महिला पहुंची तो उसने बताया कि आज नगदी रुपया नहीं है दो दिन बाद आना। ‌दो दिन बाद पहुंची, तो सेंटर बंद, संचालक फरार हो गया। जब पासबुक ले जाकर बैंक में चेक कराया तो 30 हजार रुपए निकाल लिया गया था, लेकिन महिला को चार महीने बाद भी संचालक ने एक रुपया नहीं दिया।

महिला ने मझगांवां पुलिस चौकी और SBI शाखा तिवारीपुर में शिकायत दी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं। न FIR, न संचालक की तलाश। गरीब विधवा आज भी दर-दर भटक रही है।

 विनोद कुमार से भी एक लाख रुपए की ठगी
बरवाडीह गांव निवासी विनोद कुमार भी इसी CSP सेंटर का शिकार हुआ। अंगूठा लिया गया, एक लाख रुपए निकाल लिया गया, और फिर कल आइए कह कर लौटा दिया गया।  अगले दिन “सर्वर डाउन” का बहाना बनाकर  लौटा दिया गया। थक हार कर विनोद ने सोमवार को चकरघट्टा थाना में तहरीर दी, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं।

तहसील नौगढ़ के ग्रामीण क्षेत्रों में CSP सेंटर अब सहूलियत नहीं, संकट का कारण बनते जा रहे हैं। ग्राहक से बायोमैट्रिक लेकर पैसे हड़प लिए जाते हैं। रसीद या निकासी स्लिप नहीं दी जाती। शिकायत करो तो जवाब मिलता है – “कल आइए, नेटवर्क नहीं है। ये वही सिस्टम है जो कहता है कि "हर गांव तक बैंकिंग सुविधा पहुंची है", लेकिन ज़मीन पर हकीकत कुछ और है। बैंक अधिकारी चुप, और संचालक बेलगाम।

इस तरह की घटनाओं के बाद परसहवां, बरवाडीह और अन्य गांवों में गुस्सा फूट पड़ा है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि CSP सेंटर पर ताले जड़ दिए जाएंगे,। धरना और बैंक घेराव होगा।‌‌अब जनता पूछ रही है –  क्या अंगूठा लगाना ही ठगी का दस्तावेज़ है? आज गायत्री देवी और विनोद कुमार शिकार हुए हैं, कल कोई और होगा। ‌ अगर अब कार्रवाई नहीं हुई, तो ये डिजिटल ठगी की महामारी बन जाएगी। 

जब एक विधवा की जमा पूंजी हड़प ली जाती है, और सिस्टम “सर्वर डाउन” की तरह चुप बैठा हो, तो डिजिटल इंडिया पर सवाल उठते हैं।
जनता अब जवाब चाहती है —
क्या गरीब का पैसा यूं ही निगल जाएगा? क्या बैंकिंग सिस्टम में कोई जवाबदेह नहीं? और कब तक CSP सेंटर गरीबों को लूटते रहेंगे?

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