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चंदौली में कसी जाएगी साइबर क्राइम पर नकेल, जल्द बनेगा थाना, हो गयी इंस्पेक्टर की तैनाती

साइबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक दीपक पाल ने बताया कि जिले में बीते दो साल से साइबर सेल से मामलों का निस्तारण किया जा रहा है। रोजाना पांच से 10 मामले दर्ज हो रहे हैं लेकिन जानकारी के अभाव में 70 प्रतिशत मामलों में पीड़ित शिकायत करने आते ही नहीं हैं।
 

अजीत कुमार सिंह बने प्रभारी साइबर सेल

साइबर थाने की स्थापना की हो रही है तैयारी

शासन के निर्देश पर बनने हैं सभी जिलों में थाने

चंदौली जिले में एक ओर जहां साइबर अपराधी पुलिस को छका रहे हैं। अभी रोजाना औसतन पांच साइबर अपराध के मामले में कार्रवाई हो पा रही है। पुलिस ने इन अदृश्य अपराधियों पर प्रभावी नकेल कसने की तैयारी कर ली है और दो महीने में इसके लिए साइबर थाने की स्थापना की जाएगी। लेकिन इसके प्रभारी के रूप में नयी तैनाती कर दी गयी है। अजीत कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से विवेचना सेल से प्रभारी साइबर सेल के पद पर नियुक्त किया है।

साइबर अपराधी तकनीकी तौर पर ज्यादा सक्षम हैं। वे लोगों को तो ठग ही रहे हैं, पुलिस को भी छकाते रहते हैं। जिला मुख्यालय पर साइबर सेल है और सभी 16 थानों में साइबर हेल्प डेस्क बनी है। वाराणसी मंडल में साइबर थाना है। इतना सब होते हुए भी साइबर अपराधियों पर प्रभावी लगाम नहीं लग पा रही है। ऐसे में तकनीकी सुविधाओं से युक्त थाने की जरूरत महसूस की जा रही है।


साइबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक दीपक पाल ने बताया कि जिले में बीते दो साल से साइबर सेल से मामलों का निस्तारण किया जा रहा है। रोजाना पांच से 10 मामले दर्ज हो रहे हैं लेकिन जानकारी के अभाव में 70 प्रतिशत मामलों में पीड़ित शिकायत करने आते ही नहीं हैं। जिले में बढ़ रहे सोशल और आर्थिक साइबर अपराध पर नकेल कसने के लिए स्थानीय स्तर पर साइबर थाना स्थापित करने की योजना है। अगले दो माह माह में इसका काम पूरा हो जाएगा।

ऐसा होगा साइबर थाना
एसपी कार्यालय के पास साइबर थाना बनाने की योजना है। इस थाने में इंटरनेट के जरिए होने वाले अपराधों की शिकायत दर्ज कराई जा सकेगी। वित्तीय अपराध, महिलाओं के उत्पीड़न, बच्चों व अव्यस्कों के विरुद्ध साइबर अपराध की रोकथाम के लिए जरूरी सुविधाएंगी। सूचना प्रौद्योगिकी नेटवर्क, कंप्यूटर संसाधन, कंप्यूटर सिस्टम से संबंधित किसी भी शिकायत की जांच संभव हो पाएगी। पीड़ित साइबर थाने में जाकर या 1930 नंबर पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा पाएंगे। बच्चों और महिलाओं की शिकायत पर साइबर थाने के अधिकारी उनके पास जाकर जांच करेंगे। महिला और बच्चों को थाने पर नहीं बुलाया जाएगा।

ऐसे सक्रिय हैं अपराधी
सेल प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि साइबर अपराध दो तरीके से हो रहे हैं। पहला सोशल मीडिया का अकाउंट हैक कर अपराध को अंजाम दिया जा रहा है और दूसरा आर्थिक अपराध। आर्थिक मामलों में सगे संबंधी के नाम से फोन कर करते पैसे खाते में मंगवाना, डेबिट और क्रेडिट कार्ड से आनलाइन पैसे की निकासी आदि तरीके से ठगी को अंजाम दिया रहा है।

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