DM के बाद अधिकारियों के खाद की दुकानों पर छापे, 2 के लाइसेंस कैंसिल

चंदौली में खाद विक्रेता हो जाएं सावधान
ताबड़तोड़ पड़ने वाले हैं दुकानों पर छापे
गड़बड़ी मिलते ही कैंसिल हो जाएगा लाइसेंस
देख लीजिए छापेमारी का नमूना
चंदौली जिले में उर्वरकों की कालाबाजारी और अनियमितता को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई की जा रही है। जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग के निर्देश पर दिनांक 30 जून को जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार यादव के नेतृत्व में खाद बिक्री प्रतिष्ठानों का सघन निरीक्षण किया गया, जिसमें दो दुकानों पर गंभीर अनियमितता पाई गई।

निरीक्षण के दौरान मे. हिमांशु खाद भंडार, उचहरा पर उर्वरक प्राधिकार पत्र उपलब्ध नहीं पाया गया, जबकि मे. विकास खाद भंडार, उचहरा द्वारा रेट बोर्ड न लगाए जाने के साथ-साथ स्टॉक रजिस्टर और बिक्री रजिस्टर प्रस्तुत नहीं किया गया। उक्त अनियमितताओं के आधार पर दोनों दुकानों की बिक्री तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित करते हुए उनके लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। यदि निर्धारित समय में संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं होता है, तो इन प्रतिष्ठानों के लाइसेंस निरस्त कर नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

इसके अलावा, मे० गुप्ता इंटरप्राइजेज और मे० जायसवाल ट्रेडर्स, हेमितपुर का भी निरीक्षण किया गया। गुप्ता इंटरप्राइजेज से डीएपी (DAP) और एसएसपी (SSP) के नमूने लिए गए, जबकि जायसवाल ट्रेडर्स से डीएपी और एनपीके (NPK) के नमूने संग्रहित किए गए। साथ ही, वितरण रजिस्टर प्रस्तुत न कर पाने पर जायसवाल ट्रेडर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जिला कृषि अधिकारी ने सभी उर्वरक विक्रेताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपनी दुकानों पर लाइसेंस, रेट बोर्ड, स्टॉक रजिस्टर और बिक्री रजिस्टर अनिवार्य रूप से अद्यतन रखें। साथ ही, किसानों को उर्वरक निर्धारित दर पर ही उपलब्ध कराएं और बिना किसानों की स्पष्ट सहमति के किसी अन्य उत्पाद की टैगिंग न करें।
जिलाधिकारी ने कल खाद की दुकानों की चेकिंग के बाद गड़बड़ी मिलने पर चेतावनी दी है कि किसानों के हितों की रक्षा और पारदर्शी वितरण प्रणाली बनाए रखने के लिए सघन निरीक्षण अभियान आगे भी जारी रहेगा। प्रशासन की यह सख्ती किसानों को राहत देने और बाजार में अनुशासन स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम है।
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