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DDU RPF ने ई-टिकट सॉफ्टवेयर बेचने वाले दो शातिरों को किया अरेस्ट, वाराणसी व छपरा में छापा

 

चंदौली जिले के वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त आशीष मिश्रा के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने मंगलवार को एक बड़े गिरोह का राजफाश किया। टीम ने सारण (छपरा) व वाराणसी जिले में छापेमारी कर दो सरगनाओं को गिरफ्तार किया। उनके पास से आइआरसीटीसी के 222 फर्जी यूजर एकाउंट मिले। 11 लाख 99 हजार 713 रुपये की 606 अवैध ई टिकट बरामद हुई। आरपीएफ ने इनके पास से अवैध साफ्टवेयर, बूस्टर, एक्सटेंशन, वीपीएस, आइपी जब्त कर ली। पिछले दिनों काली महाल से गिरफ्तार टिकट दलाल की निशानदेही पर यह कार्रवाई हुई।


बताते चलें कि आरपीएफ ने अवैध ई-टिकट बनाने वालों की गिरफ्तारी के लिए पीडीडीयू, आउट पोस्ट विक्रमगंज व क्राइम ब्रांच पीडीडीयू के अधिकारी व जवानों की एक विशेष टीम बनाई है। एक पखवारा पूर्व आरपीएफ ने काली महाल में जन सेवा केंद्र चलाने वाले मोहम्मद इश्तियाक अहमद व उसके भतीजे मोहम्मद शहीम को पकड़ा था। उनके पास से अवैध आइआरसीटीसी साफ्टवेयर, लगभग 75 फर्जी आइआरसीटीसी व्यक्तिगत अकाउंट पाया गया। उनसे इन खातों से लगभग 1200 ई-टिकट बनाए थे। उसकी निशानदेही पर टीम ने सारण (छपरा) जिला स्थित दिघवारा क्षेत्र से विजय उर्फ शिवा और वाराणसी स्थित परसारा गांव से विकास सिंह को अवैध सुपर पैनल साफ्टवेयर का क्रय-विक्रय एवं उसके माध्यम से तत्काल टिकट निकालने के आरोप में गिरफ्तार किया। अवैध साफ्टवेयर के माध्यम से बने 1720 तत्काल ई-टिकट बरामद हुए। 


इस दौरान टीम में आरपीएफ के पीडीडीयू निरीक्षक संजीव कुमार, विक्रमगंज प्रभारी उपनिरीक्षक हरे कृष्ण ठाकुर, क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षी पवन कुमार एवं टेक्निकल सेल के आरक्षी दुर्गेश आनंद शामिल रहें।

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