CMO कार्यालय के फर्जीवाड़े में फंस गए डिप्टी CMO डॉ. जेपी गुप्ता, फर्जी प्रमोशन लेने का लग गया ठप्पा

कार्यालय के बाबुओं ने किया है असली खेल
जेपी गुप्ता बोले- मैं पूरी तरह निर्दोष
मैंने सिर्फ विभागीय आदेश का पालन किया है
कार्यालय के बाबुओं की गड़बड़ी का खामियाजा मुझे क्यों
चंदौली जिले के डिप्टी सीएम के प्रमोशन को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने के बाद कार्यालय के बाबुओं के लापरवाही का भंडाफोड़ होने लगा है, जिसमें सीएमओ कार्यालय की गड़बड़ी के साथ-साथ उच्चाधिकारियों की भी मिलीभगत होने की पोल खुलने लगी। विभाग से मिले तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है कि सीएमओ कार्यालय के काले कीरनामे का दंड को डिप्टी सीएमओ जेपी गुप्ता को भुगतना पड़ रहा है। जिनके कारण डिप्टी सीएमओ पर प्रमोशन पाने के लिए फर्जीवाड़ा करने वाला डॉक्टर तक की मोहर भी लग गई। अब तक जेपी गुप्ता पर करे कोई और भुगते कोई की कहावत चरितार्थ होती नजर आ रही है।

बाबुओं की गलती से हो गया प्रमोशन
आपको बता दें कि डॉ जेपी गुप्ता की तैनाती प्रथम बार 22 अक्टूबर 2009 में हुई थी, तब से डॉक्टर जेपी गुप्ता चंदौली जिले में लेवल 2 तथा लेवल 3 के प्रमोशन के आधार पर डिप्टी सीएमओ बनकर अपना सेवाकाल पूर्ण कर रहे हैं, लेकिन कार्यालय की गड़बड़ी के कारण उनके रिकॉर्ड में कहीं ना कहीं गड़बड़ी हो गयी। इसके कारण 7207 से 14009 तक के लोगों का वरिष्ठता क्रम के प्रमोशन के कारण उन्हें दंड भुगतना पड़ रहा है। 7207 से 14009 के वरिष्ठ क्रम में देखा जाए तो जेपी गुप्ता 127वें क्रम पर वरिष्ठता सूची में दिखायी देते हैं। जिसके आधार पर प्रमोशन पाकर वे डिप्टी सीएमओ बन गए। लेकिन डॉक्टर जेपी गुप्ता को इस प्रमोशन के पीछे का असली कारनामा पता चला तो अब उसका दंड मिलना तय माना जा रहा है। इस हेराफेरी का पता उनको तब चला जब उनका इंक्रीमेंट नहीं लगने के कारण 2024 में इस मामले का खुलासा हुआ। जिसमें पता चला कि डॉक्टर जेपी गुप्ता को जिस वरीयता क्रम पर प्रमोशन दिया गया है, वह उनका नहीं, बल्कि दूसरे का वरिष्ठता क्रम है।

डॉ. जेपी गुप्ता ने ही दी थी जानकारी
विभागीय गड़बड़ी होने का मामला सामने आने पर तुरंत डॉ जेपी गुप्ता द्वारा उच्च अधिकारियों को सूचित किया गया। लेकिन जानते ही हैं कि जब विभाग में कोई गड़बड़ी हो जाती है उस पर पर्दा डालने के लिए, टाल मटोल किया जा रहा है। जिसके क्रम में फिर जेपी गुप्ता द्वारा 2024 में उच्च अधिकारियों को लेटर के माध्यम से अवगत कराते हुए अपनी वरिष्ठता सूची एवं प्रमोशन की स्थिति जानने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया। जिस पर उच्च अधिकारियों ने इस संबंध में जनवरी 2025 को पत्र के माध्यम से मामले की जानकारी को अवगत कराने का निर्देश सीएमओ को दिया गया। सीएमओ द्वारा पत्र को विभाग में सार्वजनिक कर दिया गया, जिसके कारण विभाग के कर्मचारियों द्वारा मामले को फर्जी बताते हुए डॉक्टर जेपी गुप्ता को मीडिया के माध्यम से फर्जी डिप्टी सीएमओ के प्रमोशन का मामला उजागर कर दिया।
इंक्रीमेंट नहीं लगा तो खुली पोल
इस संबंध में डॉक्टर जेपी गुप्ता ने बताया कि 2022 में प्रमोशन की सूची जारी की गई, जिसमें अपर स्वास्थ्य निदेशक के लेटर में डॉक्टर जेपी गुप्ता को दर्शाते हुए लेटर जारी किया गया था, जिसे सीएमओ द्वारा उसे लेटर के क्रम में कार्यवाही करते हुए उनको प्रमोशन दिया गया। उसी के बाद डिप्टी सीएमओ का कार्यभार भी उनको देकर काम करने को कहा गया। प्रमोशन को प्राप्त करने के बाद जब इंक्रीमेंट लगने की बात आई तो पता चला कि उनका इंक्रीमेंट नहीं लग रहा है। जब कारण जानने के लिए विभाग से संपर्क किया गया तो पता चला कि उनके दस्तावेज में पिता का नाम दूसरा है, जिसके कारण इंक्रीमेंट नहीं लगा है।
एक नाम के कई डॉक्टर हैं विभाग में
ऐसा कहा जा रहा है कि विभाग में और भी कई डॉक्टर हैं, जो की जो कि जयप्रकाश लिखते हैं। वह इस समय किसी अन्य जिले में पहले से ही कार्यरत हैं। लेकिन चंदौली जिले में वे इकलौते डॉक्टर जयप्रकाश गुप्ता थे, जिसके आधार पर प्रमोशन की कार्यवाही पूर्ण की थी। यदि मुझे कार्यालय द्वारा पत्र न प्राप्त होता और कार्यभार ग्रहण न कराया जाता तो वे कैसे डिप्टी सीएमओ बन जाते। सारे कार्य विभाग के लोगों ने किये हैं, तो गड़बड़ी की सजा उनको क्यों मिल रही है।
अब जब मैंने पत्र देकर सारी जानकारी मांगी और विभाग के अपर स्वास्थ्य निदेशक द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र जारी कर स्थिति से अवगत कराने की बात कही गई। साथ ही उस पत्र को विभाग में सार्वजनिक कर दिया गया, जिससे तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
डॉक्टर जेपी गुप्ता का कहना है कि इसमें कहीं ना कहीं विभाग की गड़बड़ी है। तथ्यों के आधार पर अगर देखा जाए तो कहा जा सकता है कि सीएमओ कार्यालय की गड़बड़ी का खामियाजा डिप्टी सीएमओ डॉक्टर जयप्रकाश गुप्ता को भुगतना पड़ रहा है। अब देखना है कि इस मामले में विभाग द्वारा किस तरह इस गड़बड़ी को सुधार कर डॉक्टर जेपी गुप्ता पर फर्जी प्रमोशन पाने का लगे आरोप से मुक्ति देता है और संबंधित लोगों पर क्या कार्रवाई करता है।
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