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अवैध नर्सिंग होमों एवं जांच केंद्रों के खिलाफ छापेमारी के नाम पर खानापूर्ति, केवल दे रहे चेतावनी

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा छापेमारी की सूचना के बाद अन्य फर्जी हॉस्पिटलों के संचालक हॉस्पिटल बंद करके फरार हो गए। जिससे कई अस्पतालों पर टीम जा भी नहीं सकी।
 

स्वास्थ्य विभाग चला रहा है जिले में अभियान

अवैध अस्पताल व जांच केन्द्र संचालकों में मचा है हड़कंप

कई जगहों पर खानापूर्ति वाली कार्रवाई

सील करने के बजाय चेतावनी देकर छोड़ा

चंदौली जनपद के सदर, सकलडीहा एवं चहनिया विकासखंड में अवैध नर्सिंग होम एवं जांच केंद्रों के खिलाफ छापेमारी का अभियान चलाया गया, जिसमें सदर मे दो पैथोलॉजी को सील किया गया तथा सकलडीहा विकासखंड के ताराजीवनपुर में शिवांस चाइल्ड केयर सेंटर का रजिस्ट्रेशन सीएमओ ऑफिस से नहीं होने पर चेतावनी दी गई, जबकि शिवम हॉस्पिटल में सब कुछ ठीक पाया गया।

Deputy CMO Raids

 वहीं बथावर गांव में झोलाछाप डॉक्टर पीसी सरकार के यहां सबकुछ अवैध पाया गया, लेकिन केवल चेतावनी देकर ही खाना पूर्ति की गई। उसके बाद अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा चहानिया में भी राहत  क्लीनिक के अंदर बड़ा नर्सिंग होम चलाया जा रहा था। वहां भी जांच पड़ताल में सब कुछ अवैध मिलने के बाद भी केवल चेतावनी दी गई। वहीं सारनाथ हॉस्पिटल में भी पहुंचकर जांच पड़ताल किया गया तो डॉक्टर अनुपस्थित मिलने पर संचालक से कागज दिखाने की बात कही गई।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा छापेमारी की सूचना के बाद अन्य फर्जी हॉस्पिटलों के संचालक हॉस्पिटल बंद करके फरार हो गए। जिससे कई अस्पतालों पर टीम जा भी नहीं सकी।

इस संबंध में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरबी शरण ने बताया कि जहां-जहां कमियां मिली हैं, उन सबको  चेतावनी दे दिया गया है। भविष्य में अगर अवैध रुप से संचालित अस्पताल दोबारा खुले पाये गये तो उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

Deputy CMO Raids

 सबसे बड़ी बात है कि गरीबों के जान से खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों को केवल स्वास्थ्य विभाग चेतावनी देकर उनके गलत कार्यों को बढ़ावा दे रहा है, जिससे लोगों की जान के साथ खुलेआम  खिलवाड़ कर सकें।  स्वास्थ्य विभाग के द्वारा केवल खानापूर्ति वाली कार्रवाई करके लोगों के सामने दिखावा कर रहे हैं।

 सूत्रों की माने तो स्वास्थ्य विभाग के मिली भगत से ही यह फर्जी हॉस्पिटल एवं झोलाछाप  डॉक्टरों की बाढ़ आई हुई है। छापेमारी के नाम पर केवल खाना पूर्ति की जाती है और यह धंधा फिर उसी तरफ फलता-फूलता रहता है। आए दिन गरीब इन झोलाछाप डॉक्टरों के शिकार होकर अपनी जान गंवाते रहते हैं और स्वास्थ्य महकमा केवल जांच के नाम पर खानापूर्ति करता है।

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