गेहूं की खरीद का कोटा पूरा करने के लिए बन गयी टीम, कालाबाजारी रोकने के लिए मारेंगे छापा

गेहूं की कालाबाजारी रोकने के लिए होगी छापेमारी गठित की गई टीम
तहसीलवार गेहूं का अवैध भंडारण रोकने के लिए बनी टीम
चंदौली जिले के जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने गेहूं की काला बाजारी रोकने व तहसीलवार गेहूं के अवैध भंडारण की रोकथाम के लिए अधिकारियों की टीम गठित की है। टीम छापामारी कर अवैध व्यापारियों पर अंकुश लगाने के साथ कार्रवाई भी करेगी, ताकि शासन के मंशा के अनुरूप क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद की जा सके।

टीम में उप जिलाधिकारियों के साथ विपणन विभाग के अधिकारियों को लगाया गया है। यदि किसी आढ़तिया या आटा मिल की ओर से नियम का उल्लंघन करना पाया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल आमतौर पर देखा जाता रहा है कि उपज तैयार होने के बाद कतिपय व्यापारी गांवों में किसानों से संपर्क कर खलिहान से ही उपज की खरीद कर लेते हैं। इससे सरकारी क्रय केंद्रों पर उपज नहीं पहुंच पाती साथ ही छोटे और मझोले किसानों को औने पौने दाम पर ही अपनी उपज की विक्री करनी पड़ती है। इससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इस पर रोक लगाने को लेकर गेहूं खरीद के चालू सीजन में जिला प्रशासन की ओर से जांच के निर्देश दिए गए हैं।

77 क्रय केंद्रों की स्थापना
विपणन विभाग की ओर से चालू सीजन में गेहूं की खरीद के लिए 77 क्रय केंद्रों की स्थापना की गई है। क्रय केंद्रों पर सुविधाओं को लेकर भी मुक्कमल व्यवस्था की गई है, ताकि किसानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। 17 मार्च से गेहूं की खरीद का कार्य आरंभ है। हालांकि अभी गेहूं की कटाई में विलंब के कारण केंद्रों पर उपज नहीं पहुंच रही है। सरकार की ओर से गेहूं खरीद का समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। अब तक 6800 किसानों ने पंजीकरण कराया है।
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