अबकी बार धान खरीद का टारगेट भी पूरा नहीं कर पाए अधिकारी, कैसे होगा किसानों का भला
धान खरीद का लक्ष्य नहीं हो सका पूरा
2.50 लाख एमटी की जगह केवल 2.27 लाख मीट्रिक टन की खरीद
विभाग कर रहा है 96 प्रतिशत भुगतान का दावा
चंदौली जिले में इस साल धान खरीद के अंतिम दिनों भी बृहस्पतिवार को अधिकांश केंद्रों पर सन्नाटा छाया रहा, जबकि पहले यहां धान बेंचने के लिए मारामारी मची रहती थी और कई बार तारीख भी बढ़ानी पड़ती थी। अबकी बार जिले में धान खरीद का लक्ष्य भी पूरा नहीं हुआ, विभाग धान खरीद लक्ष्य से थोड़ा पीछे रह गया है।
चंदौली जिले के 157 क्रय केंद्रों पर 32 हजार 400 किसानों से 2.27 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई है। जबकि लक्ष्य 2.50 लाख एमटी का रहा। विभाग का दावा है कि 96 प्रतिशत किसानों के धान का भुगतान कर दिया गया है। जिन किसानों का भुगतान नहीं हो पाया है। उनका बैंक से एनपीसीआई नहीं हो पाया है। इन किसानों को सूचना दी गई है। वे अपना एनपीसीआई कराकर विभाग को उपलब्ध करा देंगे। इसके बाद भुगतान हो जाएगा।
सरकारी आंकड़ों में देखा जाए तो जिले में 1.16 लाख हेक्टेयर भूमि में धान की खेती की गई थी। शासन की ओर से किसानों के खरीद के लिए ढाई लाख में मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया था। बृहस्पतिवार को अंतिम दिन होने तक 2.27 लाख 500 मीट्रिक टन की खरीदारी की गई है। जिले में कुल 32400 किसानों के धान की खरीद की गई है।
इतना ही नहीं विभाग के अधिकारियों का दावा है कि लगभग 96 प्रतिशत किसानों के धान के खरीद का भुगतान कर दिया गया है। विभाग की ओर से एक नवंबर से धान खरीद शुरू हुई थी, शुरुआती दौर में किसानों की फसल देर से पकाने के कारण धान की खरीदारी दिसंबर माह से शुरू हुई। खरीदारी जनवरी से लेकर 15 फरवरी तक खरीदारी में तेजी रहे, लेकिन इसके बाद खरीदारी धीमी हो गई। फरवरी माह के अंतिम दिन खरीदारी की जानी थी, लेकिन इससे पहले ही खरीदारी बंद हो गई। इससे धान क्रय केंद्र सन्नाटा छा गया।
जिला विपणन अधिकारी अनुपम निगम ने दावा किया कि 29 फरवरी के बाद जिले में धान के खरीद बंद हो चुकी है 91 प्रतिशत की खरीद हुई है और भुगतान भी 96 प्रतिशत हो चुका है। जिन किसानों का भुगतान नहीं हो पाया है, उनके खातों के एनपीसीआई नहीं हो पाई है। उन्हें सूचित कर दिया गया है कि एनपीसीआई करकर विभाग को उपलब्ध करा दें।
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