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कप्तान साहब झूठ बोल रही है धानापुर की पुलिस व सीओ साहब, देखिए वीडियो खुल जाएगी आंख

चंदौली समाचार के पास एक ऐसा वीडियो है, जिससे इस मामले की पोल अपने आप खुल जाती है। पुलिस द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति और मौके के वीडियो को देखेंगे तो खुद ही आप दूध का दूध पानी का पानी कर लेंगे।
 

धानापुर पुलिस की एक करतूत उजागर

घर से खाली हाथ उठाया और फर्जी तरीके से गिरफ्तार दिखाया

पुलिस ने गाड़ी-गांजा-असलहा खुद ही जुटाया

न भरोसा हो तो देखिए वीडियो  



चंदौली जिले की धानापुर पुलिस की एक करतूत उजागर हुई है। धानापुर थाने के थानाध्यक्ष के रूप में तेजतर्रार कार्यवाही का दावा करने वाले विपिन सिंह और उनके मातहतों ने एक व्यक्ति को घर से उठाया और उसे फर्जी तरीके से चोरी की मोटरसाइकिल, अवैध गांजे और अवैध असलहे के साथ गिरफ्तार दिखा दिया।

 चंदौली समाचार के पास एक ऐसा वीडियो है, जिससे इस मामले की पोल अपने आप खुल जाती है। पुलिस द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति और मौके के वीडियो को देखेंगे तो खुद ही आप दूध का दूध पानी का पानी कर लेंगे। अगर वह वास्तव में बदमाश है और चोरी की गाड़ी का आरोपी है तो कम से कम पुलिस तो ईमानदारी से कार्रवाई करती। 

Dhanapur Police Fake Arrest

वीडियो में दिख रहा है कि धानापुर पुलिस के उपनिरीक्षक और कुछ सिपाही डबरिया गांव के पैगापर जाकर लालजी उपाध्याय के पुत्र गोविंद उपाध्याय को जबरन घर से उठा लाए और गांव से पकड़कर लाने के बाद अवैध तरीके से उसकी गिरफ्तारी रमरजाय चट्टी के पास वाहन चेकिंग करते हुए दिखा दी। पुलिस ने विज्ञप्ति जारी करके बताया है कि उसके पास से चोरी की मोटरसाइकिल बरामद हुई है, जिसे वह चलाकर आ रहा था और मोटरसाइकिल की चेकिंग के दौरान उसको पकड़ा है। साथ में उसकी डिग्गी में से अवैध गांजा और देसी तमंचा भी मिला है।

 ऐसी स्थिति में चंदौली जिले की धानापुर कोतवाली थाना पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान उठता है। साथ ही साथ गिरफ्तारी का दावा करने वाले उपनिरीक्षक मोहम्मद सलीम, हेड कांस्टेबल दीपक त्रिपाठी और हेड कांस्टेबल धीरेंद्र यादव की भूमिका को भी संदिग्ध माना जा रहा है। हालांकि पूरे मामले को जानते हुए भी पुलिस क्षेत्राधिकारी राजेश कुमार राय ने पूरे मामले में अपना गलत वक्तव्य भी जारी कर दे रहे हैं और उसकी गिरफ्तारी को सही बता रहे हैं।

जिले के एक राजपत्रित अधिकारी को इस वीडियो को जरुर देखना चाहिए और मामले में ईमानदारी से तहकीकात करके कार्यवाही करनी चाहिए। उम्मीद है कि पुलिस कप्तान अंकुर अग्रवाल इसका संज्ञान लेंगे और मातहतों के द्वारा की जा रही थी गिरफ्तारी और फर्जी कार्यवाही पर रोक लगाने की कोशिश करेंगे और पुलिस की छवि को बदनाम होने से बचाएंगे।

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