शुरू हो गयी अच्छी पहल : बरहनी के 12 गांवों में किसानों ने अपनाई नई राह, 88 एकड़ में जीरो ट्रिल विधि से धान की सीधी बोआई

मानसून की बेरुखी और बिजली संकट ने बदला किसानों का नजरिया
नहरों में पानी की कमी से रोपाई छोड़ अपनाई गई सीधी बोआई विधि
12 गांवों के किसानों का सामूहिक प्रयोग बना चर्चा का विषय
चंदौली जिले के कंदवा में मानसून की बेरुखी, नहरों में पानी की कमी और बिजली की अनियमित आपूर्ति के कारण फसल बर्बाद होने और कम उत्पादन की समस्या से जूझ रहे बरहनी ब्लॉक के 12 गांवों के किसानों ने धान की रोपाई विधि की बजाय वैज्ञानिकों द्वारा बताई गई जीरो ट्रिल द्वारा सीधी बोआई विधि से 88 एकड़ खेत में धान की बोआई की है। किसानों के इस प्रयोग की चर्चा पूरे क्षेत्र में है।

नरवन के किसान करीब ढाई दशक से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। वे खाद, पानी, बिजली आदि की समस्या को लेकर अक्सर धरना प्रदर्शन करने को विवश रहते हैं। पानी की कमी और खेती में बढ़ रही लागत की समस्या को देखते हुए बरहनी गांव के किसान अखिलेश सिंह, अमड़ा के शशिकांत राय, अखिलेश सिंह, विनोद वर्मा, प्रमोद वर्मा, चखनिया के प्रेमशंकर सिंह, अशोक सिंह, रणंजय सिंह, कंदवा के विंध्यवासिनी राय, सतेंद्र राय, डैना के मनोज राय, बसंतपुर के दीना यादव, खुरहट के अर्जुन सिंह, दरौली के भोला यादव, सिकठा के रतन सिंह, कम्हरिया के अनिल सिंह झुन्ना, कोरमी के कृपाशंकर राय सहित अन्य किसानों ने जीरो ट्रिल विधि से 88 एकड़ खेत में धान की सीधी बोआई की है।

इन किसानों का कहना है कि सीधी बोआई से खेत की जुताई और रोपाई का खर्च तो बच ही रहा है 30 से 40 प्रतिशत पानी की भी बचत होने की संभावना है।
किसानों को दी नई तकनीकों की जानकारी
जिले में लैब टू लैंड योजना के तहत विगत 29 मई से विकसित कृषि संकल्प अभियान चलाया जा रहा है।
आगामी 13 जून तक चलने वाले अभियान में किसानों को नई तकनीकी के तहत धान, दाल व सब्जी आदि की खेती करने की जानकारी दी जा रहा है। इसके अलावा पशुपालकों को पशुओं के वैक्सीनेशन सहित अन्य सुझाव बताए जा रहे हैं। अभियान के तहत जिले के चंदौली, चकिया और सकलडीहा तहसील के गांवों में कृषि, पशुपालन सहित अन्य विभागों की टीम जागरूक कर रहे हैं।
जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि जिले में बीएचयू के कृषि विभाग, केवीके और भारतीय सब्जी अनुसंधान के वैज्ञानिकों की टीम लैब टू लैंड अभियान को आगे बढ़ा रही है।
इस संबंध में जिला कृषि अधिकारी विनोद यादव ने बताया कि जीरो ट्रिल विधि से सीधी बोआई करने से धान की फसल में लागत कम आती है और उपज अधिक होती है। इसमें केवल खर पतवार की समस्या आती है। इससे बचाव के लिए 20-22 दिन के अंदर खर-पतवार नाशक दवाओं का छिड़काव करना चाहिए।
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