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जिले में जमीन के अभाव में अटके हैं कई उद्योग, निवेश को धरातल पर उतरने में हो रही है देरी

अब तक कुल 289 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिनकी कुल निवेश राशि ₹35,639 करोड़ थी। इनमें से केवल 52 इकाइयों ने उत्पादन शुरू कर दिया है, जबकि 69 इकाइयों का निर्माण कार्य जारी है।
 

चंदौली में 289 में से केवल 52 इकाइयों में शुरू हुआ उत्पादन

137 उद्यमियों को उद्यम के लिए चाहिए जमीन

भूमि के अभाव में अटकी है जिले की औद्योगिक प्रगति

चंदौली जनपद में औद्योगिक विकास की रफ्तार भूमि संकट की वजह से थम गई है। इन्वेस्टर्स समिट में हुए भारी निवेश के बावजूद कई प्रस्ताव अब तक कागजों से बाहर नहीं निकल पाए हैं। जानकारी के अनुसार अब तक कुल 289 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिनकी कुल निवेश राशि ₹35,639 करोड़ थी। इनमें से केवल 52 इकाइयों ने उत्पादन शुरू कर दिया है, जबकि 69 इकाइयों का निर्माण कार्य जारी है।

उद्योग विभाग के मुताबिक 99 उद्योगों को जमीन आवंटित की जा चुकी है, जबकि 137 उद्यमियों ने अभी भी भूमि की आवश्यकता जताई है। बताया गया कि स्थापित हो चुके उद्योगों में टूरिज्म, डेयरी, एक्साइज, आयुष, हैंडलूम, कोल्ड स्टोरेज और एमएसएमई एक्सपोर्ट जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इन इकाइयों के शुरू होने से दो हजार से अधिक लोगों को रोजगार भी मिला है।

हालांकि, उद्यमियों को उद्योग स्थापना के दौरान एनओसी, लाइसेंस, ग्राउंड वाटर अनुमति और धारा-80 जैसी प्रक्रियाओं में देरी का सामना करना पड़ रहा है। उद्योग विभाग का कहना है कि ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ लागू होने के बावजूद कागजी प्रक्रिया में सुस्ती बनी हुई है, जिससे कई प्रोजेक्ट्स रुके हुए हैं।

उद्योग उपायुक्त सिद्धार्थ यादव ने बताया कि शासन स्तर से लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने का प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि जमीन की समस्या है, लेकिन किसी उद्यमी को कठिनाई हो तो सीधे संपर्क करें। सभी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता पर किया जाएगा। कई उद्योग अंतिम चरण में हैं, जिन्हें जल्द ही पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा।

भूमि की कमी और प्रशासनिक देरी से चंदौली का औद्योगिक सपना अभी अधूरा दिख रहा है।

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