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दिव्यांग शौचालयों का निर्माण दो महीने में पूरा कराने का आदेश, जानबूझकर लटकाया जा रहा है काम

इसके निर्माण की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को दी गई। एक शौचालय के निर्माण में 95 हजार रुपए खर्च किया जाना है।
 

मानवाधिकार आयोग ने डीएम को दिया निर्देश

19 अगस्त तक मांगी रिपोर्ट

आखिर क्यों नहीं पूरा हो रहा है समय से काम

चंदौली जिले में 73 परिषदीय विद्यालयों में स्वीकृत 73 शौचालयों में से मात्र पांच शौचालय बनाए गए हैं। 20 विद्यालयों में शौचालय निर्माणाधीन हैं जबकि 48 विद्यालयों में निर्माण शुरू ही नहीं हुआ है। इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने डीएम को आठ सप्ताह में शौचालयों का निर्माण पूरा कराने और 19 अगस्त को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

आपको बता दें कि जिले में नीति आयोग के आदेश पर 71 विद्यालयों में दिव्यांग शौचालय के निर्माण की स्वीकृति मिली थी। इसके निर्माण की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को दी गई। एक शौचालय के निर्माण में 95 हजार रुपए खर्च किया जाना है। बावजूद इसके अब तक शौचालयों का निर्माण पूरा नहीं हो सका है।

बताते चलें कि इसकी शिकायत मानवाधिकार सीडब्लूए के चेयरमैन योगेंद्र कुमार सिंह (योगी) ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से की थी। मामले की सुनवाई करते हुए अयोग ने प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को नोटिस जारी किया।

आयोग से चंदौली डीएम से चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। 29 मई को प्रस्तुत रिपोर्ट में बताया गया था कि 73 विद्यालयों में 73 शौचालयों के निर्माण की मंजूरी दी गई है। पांच विद्यालयों में निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। 20 विद्यालयों में दिव्यांग शौचालय का निर्माण चल रहा है जबकि 48 विद्यालयों में काम शुरू ही नहीं हुआ। इस पर आयोग ने आठ सप्ताह के भीतर सभी विद्यालयों में काम पूरा कराने और 19 अगस्त को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

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