डीएम के साथ विधायक कैलाश आचार्य ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का लिया जायजा
पीड़ितों से मिलकर जाना उनका हाल
बोले- सर्वे करवाकर किसानों को मुआवजा दिलाएंगे अधिकारी
24 घंटे होगी खतरनाक तटबंधों की निगरानी
चंदौली जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। चंद्रप्रभा डैम से लगभग 10,000 क्यूसेक और नौगढ़ डैम से 25,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण लगभग 15 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, चकिया विधायक कैलाश आचार्य, जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग और पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने शनिवार को डैम और तटबंधों का निरीक्षण किया।
बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया
जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग ने बताया कि बाढ़ के कारण कई गांवों में पानी घुस गया है, जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस और प्रशासन की टीमों ने प्रभावित परिवारों को सुरक्षित निकालकर बाढ़ राहत शिविरों में शिफ्ट किया है। इन शिविरों में रहने वाले लोगों को प्रशासन की तरफ से सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। जिलाधिकारी ने बाढ़ पीड़ितों को भरोसा दिलाया कि इस दैवीय आपदा की घड़ी में शासन और प्रशासन उनकी हरसंभव मदद के लिए तैयार हैं।

इसके अलावा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए भी इंतजाम किए गए हैं। उनके लिए भूसा, चोकर और आवश्यक दवाएं (मेडिसिन) भी उपलब्ध कराई गई हैं, ताकि उनकी देखभाल सुनिश्चित हो सके।
अधिकारियों को दिए गए निर्देश
निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अभियंताओं और राजस्व कर्मियों को तटबंधों की नियमित निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने उप जिलाधिकारी चकिया को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में लगातार भ्रमण करने और बांधों का निरीक्षण करते रहने का आदेश दिया, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति को समय रहते रोका जा सके।

जिलाधिकारी ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि बाढ़ से प्रभावित फसलों का जल्द से जल्द सर्वे कराया जाए, ताकि किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा मिल सके।

निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वाई.के. राय, उप जिलाधिकारी चकिया, अधिशासी अभियंता चंद्रप्रभा, एई बंधी मनोज पटेल सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद थे। प्रशासन की यह त्वरित कार्रवाई दिखाती है कि वे स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद हैं।
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