पहली बार DM साहब ने दिखायी तेजी, किसानों की शिकायत पर लिया मीटिंग में एक्शन
जिलाधिकारी ने किसान दिवस पर बिजली अधिकारी का वेतन रोका
फार्मर रजिस्ट्री में प्रगति नहीं होने पर कृषि विभाग को फटकार
इन अधिकारियों को भी सौंपे काम
चंदौली जिले में किसानों की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान के लिए आयोजित 'किसान दिवस' में जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने न केवल किसानों की शिकायतों को गंभीरता से सुना, बल्कि लापरवाह अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने में भी संकोच नहीं किया। बैठक में विशेष रूप से बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता पर लापरवाही बरतने के लिए उनका वेतन रोकने और कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया, जिससे सरकारी महकमों में हड़कंप मच गया है।

लो-वोल्टेज और खराब नलकूप: किसानों की प्रमुख समस्या
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित इस बैठक में किसानों ने जिलाधिकारी के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने बताया कि धानापुर और सकलडीहा फीडर में लो-वोल्टेज की समस्या के कारण धान जैसी महत्वपूर्ण फसलों की सिंचाई के लिए नलकूप और सबमर्सिबल पंप नहीं चल पा रहे हैं, जिससे उनकी फसल बर्बाद होने का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा, कई जगहों पर खराब पड़े नलकूपों की शिकायतें भी सामने आईं।

इन शिकायतों पर जिलाधिकारी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अधिशासी अभियंता नलकूप को कड़े निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि "जिस दिन किसी नलकूप के खराब होने की सूचना मिले, उसे तत्काल ठीक कराकर चालू कराएं, ताकि किसानों को सिंचाई में कोई दिक्कत न हो।" जिलाधिकारी ने साफ शब्दों में कहा कि किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।
बिजली विभाग पर गिरी गाज
पिछली बैठक में मिली शिकायतों की जांच न करने और लापरवाही बरतने पर जिलाधिकारी ने बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने तत्काल उनका वेतन रोकने और कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता को एक सप्ताह के भीतर शिकायत का निपटारा करने और काम में देरी का कारण बताने को कहा है। इस सख्त कदम से यह साफ हो गया है कि जिलाधिकारी किसानों के हित को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे।

नहरों में कचरे की समस्या और समाधान
किसानों ने नहरों और नालों में कचरा फेंककर जाम करने की भी शिकायत की, जिससे सिंचाई में भारी दिक्कतें आ रही हैं। इस पर जिलाधिकारी ने एक जांच टीम बनाने का निर्देश दिया, जो ऐसे लोगों की पहचान करे और उन पर जुर्माना लगाने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि सिंचाई व्यवस्था को सुचारू रखना बेहद जरूरी है, और इसमें बाधा डालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
तहसील और ब्लॉक स्तर पर समाधान का निर्देश
जिलाधिकारी ने किसानों की समस्याओं के लिए एक स्थायी समाधान खोजने पर जोर दिया। उन्होंने कृषि विभाग, अधिशासी अभियंता विद्युत, नलकूप, बंधी, चंद्र प्रभा सहित सभी संबंधित अधिकारियों को टीम बनाकर तहसील और ब्लॉक स्तर पर भी नियमित रूप से बैठकें करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अधिकारी महीने में दो या तीन दिन किसानों के साथ बैठकर उनकी शिकायतों का समाधान करें और उन्हें आधुनिक कृषि तकनीकों से जुड़ने के लिए भी प्रोत्साहित करें। इस पहल से यह सुनिश्चित होगा कि किसानों को अपनी समस्याओं के लिए बार-बार जिला मुख्यालय न आना पड़े।

फार्मर रजिस्ट्री और अन्य मुद्दे
बैठक में फार्मर रजिस्ट्री में धीमी प्रगति को लेकर भी जिलाधिकारी ने उप निदेशक कृषि को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्य में बेहतर प्रगति सुनिश्चित की जाए। फार्मर रजिस्ट्री से किसानों की जानकारी सरकार के पास व्यवस्थित तरीके से उपलब्ध होगी, जिससे उन्हें योजनाओं का लाभ देना आसान होगा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आर. जगत साईं, जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, और अधिशासी अभियंतागण के साथ-साथ प्रगतिशील किसान दीनानाथ श्रीवास्तव, रतन सिंह, शेषनाथ, और बलदाऊ भी उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी चंद्र मोहन गर्ग की यह कार्रवाई दिखाती है कि प्रशासन किसानों के प्रति गंभीर है और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता से हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन सख्त निर्देशों से उम्मीद है कि सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और किसानों को समय पर मदद मिल पाएगी।
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