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सड़क सुरक्षा अभियान की समीक्षा के दौरान डीएम ने पढाया सुरक्षा का पाठ, सौंपे सभी विभागों को काम

बैठक में जिले में सड़क दुर्घटनाओं की वर्तमान स्थिति, सुरक्षा उपायों और भविष्य की कार्ययोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही साथ स्कूली वाहनों पर विशेष ध्यान देने की बात समझायी गयी।
 

कलेक्ट्रेट सभागार में कसी विभागों की नकेल

 कहा-दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उठाए जाएं

  ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों पर करें कड़ाई

  स्कूली वाहनों पर भी रखें ध्यान

चंदौली जिले के जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा अभियान की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक में जिले में सड़क दुर्घटनाओं की वर्तमान स्थिति, सुरक्षा उपायों और भविष्य की कार्ययोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही साथ स्कूली वाहनों पर विशेष ध्यान देने की बात समझायी गयी।

बैठक में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं और यातायात नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने सड़क सुरक्षा अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने और नागरिकों में जागरूकता बढ़ाने पर विशेष जोर दिया। बैठक के दौरान उन्होंने  कहा कि जनपद में नो हेलमेट, नो फ्यूल अभियान  में तेजी लाई जाए।

मुख्य बिंदु एवं निर्देश:

1. ब्लैक स्पॉट्स की पहचान एवं सुधार करने पर जोर

–जिले में सड़क दुर्घटनाओं के हॉटस्पॉट चिह्नित किए जाएं।

–इन स्थलों पर आवश्यक सुरक्षा उपाय जैसे स्पीड ब्रेकर, साइन बोर्ड, स्ट्रीट लाइट आदि लगाए जाएं।

–लोक निर्माण विभाग और अन्य संबंधित विभाग मिलकर मरम्मत कार्य को प्राथमिकता दें।

2. यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराया जाए-

–हेलमेट और सीट बेल्ट के उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए सघन अभियान चलाया जाए।

–नो-हेलमेट, ओवरस्पीडिंग, नशे की हालत में वाहन चलाने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।

–नो हेलमेट,नो फ्यूल अभियान में तेजी लाई जाए 

–सार्वजनिक स्थलों और मुख्य चौराहों पर यातायात पुलिस की तैनाती बढ़ाई जाए।

3.सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान को और तेज किया जाए-

–स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थलों पर सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

–स्थानीय परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस और स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से वर्कशॉप और रैली का आयोजन किया जाए।

–सोशल मीडिया और अन्य प्रचार माध्यमों के जरिए सड़क सुरक्षा से संबंधित संदेश प्रसारित किए जाएं।

–दुर्घटना स्थलों पर त्वरित चिकित्सा सहायता के लिए एंबुलेंस सेवा को और अधिक प्रभावी बनाया जाए।

बैठक के अंत में जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन, पुलिस, परिवहन विभाग और नागरिकों को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षित यातायात व्यवस्था केवल नियमों के पालन से ही संभव है, इसलिए आमजन को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।उन्होंने सभी अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे दिए गए निर्देशों का गंभीरता से पालन करें और सड़क सुरक्षा अभियान को सफल बनाने के लिए पूरी निष्ठा से कार्य करें।

बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी डॉ. वाई के राय, लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता  राजेश कुमार, आरटीओ सर्वेश गौतम, डीएफओ दिलीप श्रीवास्तव, सीओ सदर, खनन अधिकारी एवं यातायात तथा एनएचआई के अधिकारी सहित अन्य सभी संबंधित विभाग के अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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