नए कानूनों को लागू करने के पहले आयोजित हुयी कार्यशाला, जानिए कैसे बदलेंगी धाराएं
चंदौली पुलिस लाइन में एक दिवसीय कार्यशाला
लालचन्द्र प्रसाद गुप्ता ने दिया प्रशिक्षण
तीनों नए आपराधिक कानूनों की दी डिटेल जानकारी
चंदौली जिले में आज दिनांक 20 मार्च 2024 को पुलिस लाइन में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें कार्यक्रम के आयोजक लालचन्द्र प्रसाद गुप्ता ने देश में कानूनों को लेकर होने वाले बदलाव के लिए जानकारी देने का सिलसिला जारी है। पुराने कानूनों को आने वाले समय में बदला जाने वाला है। यह दंड संहिता से न्याय संहिता की ओर एक कदम है। कार्यशाला में अपराधी को दण्ड एवं पीड़ित को न्याय के विशेष प्रावधानों का उल्लेख है।
इस नए कानून के व्यापक प्रचार प्रसार की जरूरत है। भविष्य में होने वाले बदलाव की जानकारी पर चर्चा और परिचर्चा कर लोगों के बीच इसकी उपयोगिता को बताना होगा। यह जवाबदारी सबकी है। इसके लिए विभागीय स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा अलग-अलग कार्यक्रम के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुण्डे ने कहा यह बदलाव भारतीय समाज की आवश्यकता और भावनाओं के अनुरूप है। कानून में संशोधन मुख्य रूप से अपराधी को दंड और पीड़ित को न्याय दिलाने किया जा रहा है। कानून में संशोधन के दौरान महिलाओं की सुरक्षा और न्याय को प्राथमिकता दी गई है। आतंक और संगठित अपराध के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं। वैज्ञानिक और इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के महत्व को नए कानून में स्पष्ट किया गया है।
आपको बता दें कि तीन नए आपराधिक कानून 1 जुलाई 2024 से लागू होने जा रहे हैं। । सरकार द्वारा 24 फरवरी 2024 तीनों नये आपराधिक कानून से जुड़ी अधिसूचना जारी करने के बाद अभियोजन निदेशालय उत्तर प्रदेश के साथ-साथ संयुक्त निदेशक अभियोजन पर्यवेक्षण में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें इंडियन पीनल कोड (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होंगे। इनमें हुए बदलाव के बारे में चर्चा कि गयी।
साथ में कहा कि नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थीं, उनमें भी बदलाव होगा। जैसे हत्या के लिए लगाई जाने वाली IPC की धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी। ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। वहीं दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी।
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