एक बार फिर मरीजों से पैसे वसूलने में फंसे डॉक्टर चंद्रमणि सिंह, कार्रवाई के डर से लौटाया पैसा

जिला अस्पताल में गरीबों से डॉक्टर कर रहे वसूली
बाबा कीनाराम के प्राचार्य को लगानी होगी वसूलीबाजों पर लगाम
सीटी स्कैन करने के नाम पर खुलेआम अवैध वसूली का खेला जा रहा है खेल
जानिए कैसे होता है खेल
चंदौली जनपद के जिला मुख्यालय स्थित बाबा कीनाराम मेडिकल कॉलेज के अधीनस्थ चल रहे जिला अस्पताल में गरीबों से खुलेआम अवैध वसूली का खेल खेला जा रहा है । पीड़ित ने बाबा कीनाराम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग की है। वहीं मामले में तूल पकड़ते देख इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर चंद्रमणि सिंह के द्वारा जबरी लिया गया पैसा सीएमएस के चेंबर में अपने कर्मचारियों के माध्यम से वापस करवा दिया गया है।

कहा जा रहा है कि गरीबों के लिए निशुल्क सरकारी सेवाओं को देने के लिए साकार ने जहां डॉक्टरों व कर्मचारियों को नियुक्त किया है। वहीं कुछ डॉक्टरों द्वारा जबरदस्ती गरीबों से कई तरह के बहाने बनाकर पैसे की अवैध वसूली की जा रही है। यह पहला मामला नहीं है, इसी डॉक्टर द्वारा इसके पहले भी वसूली का कार्य किया गया था, जिसको लेकर हल्ला गुल्ला मचा था। लेकिन विभागीय सेटिंग व डॉक्टर के ऊंची पहुंच व रसूख के आगे मेडिकल कॉलेज भी बौना साबित हो रहा है।
आपको बता दें कि चंदौली जनपद के जिला मुख्यालय स्थित बाबा कीनाराम मेडिकल कॉलेज के अधीनस्थ चल रहे जिला चिकित्सालय में चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग से चयनित इमरजेंसी डॉक्टर चंद्रमणि सिंह द्वारा खुलेआम गरीबों से पैसा वसूली का खेल खेला जा रहा है। शुक्रवार को शहाबगंज के बयापुर गांव के निवासी अजय कुमार भारती बीमारी हालत में अपनी पुत्री पूजा को लेकर शहाबगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे थे, जहां डॉक्टर द्वारा गंभीर हालत में जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।
जिला चिकित्सालय में शहाबगंज के डॉक्टर द्वारा सीटी स्कैन के लिए एडवाइज दिया गया था। जिला हॉस्पिटल पहुंचते ही डॉक्टर ने सिटी स्कैन कराने के लिए लिखने के नाम पर अपने प्राइवेट चेंबर में ले जाकर जबरदस्ती गरीब से पैसा वसूला गया। डॉक्टर द्वारा कहा गया कि बाहर 3500 रुपए में सिटी स्कैन होता है, और यहां कराने के लिए 500 रुपया देना पड़ेगा। नहीं देने पर सिटी स्कैन नहीं किया जाएगा। इसके बाद जब गरीब अपनी समस्या लेकर गिड़गिड़ाने लगा तो 400 रुपए में मामला फिट हुआ। फिर प्राइवेट चेंबर में ले जाकर मरीज के पिता अजय कुमार भारती से 400 रुपया डॉक्टर द्वारा लिया गया।
इस मामले में पीड़ित परिजनों ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के शिकायत किया। इस पर उन्होंने बाबा कीनाराम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को प्रार्थना पत्र देकर मामले में मदद करने के लिए कहा।
पीड़ित ने बताया कि डॉक्टर चंद्रमणि सिंह इमरजेंसी में तैनात थे और शहाबगंज हॉस्पिटल से रेफर होकर मैं अपनी पुत्री को लेकर यहां आया था। मेरी पुत्री को सिर में समस्या है। डॉक्टर द्वारा सीटी स्कैन एडवाइज भी किया गया था।
पीड़ित ने यह भी बताया कि डॉक्टर ने कहा कि यह गरीबों का ही हॉस्पिटल है। यहां केवल गरीब आते हैं। गरीबों से पैसा नहीं लेंगे तो कैसे हम लोग का काम चलेगा। यह भी कहे कि घोड़ा घास से दोस्ती करेगा तो उसका पेट कैसे भरेगा।
पीड़ित के द्वारा प्रार्थना पत्र देने के बाद डॉक्टर ने अपने कर्मचारी के माध्यम से मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के कार्यालय में बैठे पीड़ित का 400 रुपया तत्काल वापस कर दिया, लेकिन पीड़ित ने प्रार्थना पत्र देकर बाबा कीनाराम मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य से ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है ।
वहीं कहा जा रहा है कि डॉक्टर चंद्रमणि सिंह के खिलाफ यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी अवैध वसूली के मामले को लेकर कई बार हल्ला गुल्ला हुआ है, लेकिन चिकित्सा विभाग या उनके रसूख के आगे बौना साबित हो रहा है या फिर उनको बचाने में जुटा हुआ है।
हालांकि इस संबंध मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सत्य प्रकाश ने कुछ कहने से इनकार कर दिया और कहा कि इस संबंध में प्राचार्य जी के द्वारा ही कार्रवाई की जायेगी। टेलीफोन के माध्यम से बाबा कीनाराम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अमित कुमार सिंह से बात किया गया तो उन्होंने कहा की प्रार्थना पत्र मिलने के बाद संज्ञान लेते हुए जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
अब देखना है कि जीरो टॉलरेंस की नीति की बात करने वाले मुख्यमंत्री गरीबों के लिए निःशुल्क सुविधा मुहैया करा रहे हैं। तो वही अवैध वसूली करने वाले डॉक्टर सरकार की मंशा पर पलीता लगा रहे हैं। ऐसे मामले उजागर होने पर अब जिलाधिकारी ऐसे लोगों पर कैसे अंकुश लगाते हैं और किस तरह की कार्रवाई करने के लिए कहते हैं।
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